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नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव में अपने उम्मीदवार को लेकर बीजेपी ने अपने पत्ते खोल दिए हैं। एनडीए की तरफ से रामनाथ कोविंद को उम्मीदवार बनाया है। इस ऐलान के बाद बयानबाजी का दौर शुरु हो गया।
कोई पार्टी इस चेहरे का सपोर्ट कर रही तो कोई इसका विरोध जता रही। अब बीजेपी के अंदर से ही रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने के खिलाफ आवाज उठी है। अभिनेता और बीजेपी सांसद शत्रुघन सिन्हा ने इस मामले में अपनी आवाज उठाई है और कोविंद को उम्मीदवार बनाए जाने का विरोध किया है।
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) June 20, 2017
शत्रुघन सिन्हा ने सीनियर नेता लाल कृष्ण आडवाणी का साथ भी दिय
शत्रुघन सिन्हा ने ट्वीट करके बीजेपी के सीनियर नेता लाल कृष्ण आडवाणी का साथ भी दिया। सिन्हा ने कई सारे ट्वीट करते हुए सबसे पहले रामनाथ कोविंद के चुने जाने पर उनको बधाई दी। लेकिन फिर उन्होंने कहा कि पार्टी इस फैसले को थोड़ा और पारदर्शी और सही तरीके से कर सकती थी। सिन्हा के मुताबिक, बीजेपी राष्ट्रपति उम्मीदवार चुनने से पहले बाकी पार्टियों से मिलने में ज्यादा वक्त खराब कर रही थी।
शत्रुघन ने लाल कृष्ण आडवाणी को दोस्त, दार्शनिक, गाइड, गुरु और अंतिम नेता भी बताया। शत्रुघन से पहले ऐसे ही आरोप बीजेपी की साथी पार्टी शिवसेना ने लगाए थे। शिवसेना ने कहा था कि कोविंद का नाम उनको मीडिया और विपक्ष के नेताओं द्वारा पता लगा था जबकि बीजेपी नेता इन दिनों बाकी पार्टी के नेताओं के साथ बातचीत में व्यस्त थे। शिवसेना ने कहा था कि उनको कोविंद का नाम नहीं सुझाया गया था।
Nonetheless, long live our friend, philosopher, guide, guru & ultimate leader Honourable Mr. L.K.Advani.
Long live #BJP Jai Hind.
— Shatrughan Sinha (@ShatruganSinha) June 20, 2017
..in a more mature & transparent manner. We could have nipped the bud right in the beginning in an open & shut, transparent manner..3>4
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कौन हैं रामनाथ कोविंद
रामनाथ कोविंद वर्तमान में बिहार के राज्यपाल थे उन्होंने कल ही अपने पद से इस्तीफा दिया है। वो 8 अगस्त, 2015 को बिहार के राज्यपाल चुने गए थे। रामनाथ कोविंद को बीजेपी ने 1990 में घाटमपुर लोकसभा सीट से टिकट दिया था लेकिन वह चुनाव हार गए थे। इसके बाद पार्टी ने 1994 और 2000 में उन्हें यूपी से दो बार राज्यसभा सांसद बनाकर भेजा। 1977 में इमरजेंसी के दौरान जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद वह तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के निजी सचिव बने थे। इसके बाद वो बीजेपी नेतृत्व के संपर्क में आए। ऑल इंडिया कोली समाज के अध्यक्ष हैं रामनाथ कोविंद। वो बीजेपी के एससी-एसटी मोर्चा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। रामनाथ कोविंद सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में 16 साल तक वकालत की प्रैक्टिस कर चुके हैं।
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