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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता की एक बड़ी वजह उनकी प्रभावशाली भाषा शैली भी है। अमेरिकी कांग्रेस में दिया पीएम मोदी का भाषण हो या अन्य अवसरों पर जनता से सीधा संबोधन, उनके भाषणों की तासीर खुद-ब-खुद लोगों को अपनी ओर खींच लेती है।
हकीकत कुछ और है, पीएम मोदी के मुंह से निकलने वाले शब्द उनके नहीं, बल्कि कई लोगों के विश्लेषण से पैदा होते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भाषण देने की कला के मुरीद उनके विरोधी भी हैं।
अमेरिकी दौरे में पीएम ने अमेरिकी कांग्रेस के सामने भाषण दिया था, जिसकी सराहना विश्व भर में हुई। पीएम मोदी के इस वक्तव्य में आत्मविश्वास से साथ भविष्य को लेकर स्पष्ट और सटीक नजरिया भी देखने मिला था। एक सवाल अक्सर लोगों के मन में आता है कि पीएम के ऐसे ओजस्वी भाषण के शब्द कौन लिखता है?
सामाजिक विश्लेषक शिव विश्वनाथन प्रधानमंत्री मोदी के भाषण को पूरी तरह से टीम वर्क मानते हैं। विश्वनाथन कहते हैं, प्रधानमंत्री मोदी के भाषण कई सूत्रों से मिलकर बने हैं। इनमें पार्टी यूनिट से लेकर मंत्रियों और विषय के विशेषज्ञों को इनपुट रहता है।साथ ही विदेशों में बसे भारतीयों के नजरिए को भी इसमें कई बार शामिल किया जाता है। साथ ही इसके लिए पीएम मोदी की एक समर्पित टीम भी है।
शिव विश्वनाथन इस टीम प्रयास के लिए सराहना करते हुए कहते हैं कि इतने लोगों की मेहनत को प्रधानमंत्री मोदी अपने वक्तव्य कला से एक नया कलेवर देते हैं। विश्वनाथन ने मोदी की सामाजिक छवि का विस्तृत अध्ययन किया है और वह कहते हैं कि मोदी के लिए स्टेज के पीछे काम करने वाले लोग भी शानदार प्रदर्शन के लिए ऑस्कर डिजर्व करते हैं।
नेताओं के भाषण लिखने की भूमिका खुद उनके व्यक्तित्व के आधार पर बनती है। नेताओं के व्यक्तित्व के आधार पर यह तय किया जाता है कि भाषण का स्वरूप औपचारिक रखा जाए अथवा जनता के लिए याद रखने लायक। प्रधानमंत्री मोदी के भाषण आम तौर पर जनता के बीच बहुत लोकप्रिय रहते हैं।
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