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राज्य सरकारों द्वारा किसानों के कर्ज माफ करने पर चिंता जताते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को कहा कि ऐसे कदम से वित्तीय घाटा और महंगाई में वृद्धि का खतरा बढ़ जाएगा. आरबीआई के गर्वनर उर्जित पटेल ने रेपो रेट को यथावत रखने की जानकारी देते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के प्रस्ताव में कहा गया है कि अगर बड़े पैमाने पर किसानों के ऋण माफ किए गए तो इससे वित्तीय घाटा बढ़ने का खतरा है.
’उन्होंने कहा कि जब तक राज्यों के बजट में वित्तीय घाटा सहने की क्षमता नहीं आ जाती, तब तक किसानों के ऋण माफ करने से बचना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह पिछले 2-3 साल में हुए वित्तीय लाभ को घटा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि वित्तीय घाटा बढ़ने से जल्द ही महंगाई भी बढ़ने लगेगी.
पटेल ने कहा कि पहले भी देखा गया है कि किसानों के ऋण माफ करने से महंगाई बढ़ी है इसलिए हमें बेहद सावधानी से कदम रखने चाहिए, इससे पहले कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाए.गौरतलब है कि देश भर में किसानों द्वारा समय समय पर ऋण माफी की मांग उठती रही है.
उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी राज्य के इतिहास में सबसे बड़े कृषि ऋण माफी की घोषणा की है. इसके साथ ही हाल ही में तमिलनाडू के किसान के द्वारा दिल्ली में कर्ज माफी के लिए किया गया प्रर्दशन काफी विवादों में रहा था.
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