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भारत-पाकिस्तान मुकाबले का रोमांच चरम पर रहता है। पल-पल बदलते समीकरण पर सारी निगाहें रहती हैं। रणनीति में थोड़ी भी चूक किसी भी टीम पर भारी पड़ सकती हैं।
खासकर मैदान पर कप्तान के फैसले पर फैंस की सारी उम्मीदें टिकी रहती हैं। लेकिन अगर मैच के दौरान सब कुछ ठीक-ठाक न चल रहा हो, तो कप्तान ही सवालों के घेरे में आ जाते हैं। ऐसा ही कुछ रविवार को ओवल में दिखा, जहां विराट कोहली के फैसले भारत के लिए उत्साहजनक नहीं रहे। 339 रनों के टारगेट के आगे टीम इंडिया के बल्लेबाजों की एक न चली। टीम ने लगातार विकेट खोए।
एक नजर कोहली की कप्तानी की गलतियां और टीम की खामियों पर -
1। भारत के मजबूत बल्लेबाजी क्रम को देखते हुए विराट कोहली का टॉस जीतकर पाकिस्तान को बल्लेबाजी के लिए उतारना फैंस के गले नहीं उतरा। पाकिस्तान ने उसका पूरा फायदा उठाया, हालांकि किस्मत भी उसके साथ दिखी। फखर जमां जब तीन रन पर पर थे, तभी जसप्रीत बुमराह की गेंद पर वह लपक लिए गए थे, लेकिन वह नोबॉल निकली। आखिरकार टीम इंडिया फखर के शतक से बड़े स्कोर के दबाव में आ गई। धोनी ने बुमराह की जगह युवराज को गेंदबाजी कराने की सलाह भी दी लेकिन कोहली ने उसे अनदेखा कर दिया।
2। रविचंद्रन अश्विन को एक दिन पहले घुटने में प्रैक्टिस के दौरान चोट लगी थी। उनके खेलना तय नहीं माना जा रहा था। आखिरकार उन्हें प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया। विराट ने उन पर ज्यादा ही भरोसा जताया और उनसे कोटे के पूरे ओवर फेंकवाए। लेकिन 10 ओवर में उन्होंने 70 रन खर्च कर डाले। उन्हें एक भी सफलता नहीं मिली।
3। बांग्लादेश के खिलाफ मुकाबले में केदार जाधव खासे काम आए थे। लेकिन इस मैच में कप्तान ने काफी देर बाद उन्हें याद किया। स्लॉग ओवर्स में उनसे गेंदें फेंकवाई गईं। 39वें ओवर में जाधव ने 7 रन दिए। 43 वें ओवर में हालांकि उन्होंने 4 देकर 1 विकेट लिया। लेकिन 45वें ओवर में जाधव को 16 रन चुकाने पड़े। जिसके बाद उन्हें गेंदबाजी से हटाना पड़ा।
4। फैंस का मानना था कि विराट कोहली ऐसे मौके पर युवराज सिंह का इस्तेमाल करना चाहिए थे। एक चेंज बॉलर के तौर पर युवराज टीम इंडिया के लिए फायदेमंद साबित हो सकते थे।
5। चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत का शीर्ष बल्लेबाजी क्रम बिखर गया। फाइनल में पहुंचने से पहले तक चार मुकाबलों में टीम इंडिया के मध्य क्रम की परीक्षा हो ही नहीं पाई थी। और फाइनल में जब मिडिल ऑर्डर पर पारी संभालने की बारी आई तो, टीम इंडिया की पोल खुल गई। मध्य क्रम बुरी तरह फ्लॉप रहा। कोई भी फिनिशर बनकर क्रीज पर खड़ा नहीं हो पाया।
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