TOC NEWS // 18 Jun 2017
गोवर्धन (मथुरा): राजस्व विभाग से सेवानिवृत्त कानूनगो खेमचंद ने आंसुओं की स्याही से भीगे शब्दों में अपना जो अंतिम पत्र लिखा, उसमें अपने ही खून के जुल्म और अत्याचार की वेदना छिपी थी। शुक्रवार को उन्होंने कुसुम सरोवर में कूदकर खुदकशी कर ली और इसके लिए मजबूर करने का इल्जाम अपने बड़े बेटे के सिर लगाया। उनके बैग से बरामद सुसाइड नोट में उन्होंने अपने ही बड़े बेटे को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग की है।
दो दिन बाद जब पूरा देश फादर्स डे मना रहा होगा एक कुपुत्र अपने पिता को दिए घावों के लिए पुलिस के शिकंजे में होगा। थाना गोवर्धन के गांव अड़ींग निवासी खेमचंद मित्तल (76) राजस्व विभाग से कानूनगो पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उनके दो बेटे हैं। बड़ा दिनेश चंद और छोटा महेश चंद हैं। दोनों के लिए उन्होंने मथुरा में मार्बल का व्यवसाय शुरू करा दिया। शुक्रवार सुबह करीब नौ बजे खेमचंद परिजनों से दवा लेने की कहकर राधाकुंड आ गए। करीब 11:30 बजे उन्होंने कुसुम सरोवर में मौत की छलांग लगा दी। काफी देर तक जब वह पानी से बाहर नहीं आए तो कुसुमसरोवर पर मौजूद लोगों को शोर मचाते हुए पुलिस को सूचना दे दी। गोताखोरों की मदद से उन्हें बाहर निकला गया, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। शव की शिनाख्त के लिए उन्होंने सरोवर के बाहर छोड़े बैग को देखा तो पुलिस को उससे सुसाइड नोट मिला।
ये लिखा अंतिम पत्र में
खेमचंद ने थानाध्यक्ष को संबोधित पत्र लिखा है कि यह मेरा आखिरी पत्र है। जो बातें मैं लिख रहा हूं, शत-प्रतिशत सत्य हैं। मेरा बड़ा लड़का 30 साल से विशेष शराबी है। आए दिन मुझे मारता है और अभद्र शब्द बोलता है। 13 जून को रात को मेरे गले में मेरी ही धोती उतारकर फांसी लगा दी थी, मैंने बमुश्किल अपनी जान बचाई और मुझसे एक लाख रुपया जबरन ले लिया है। चरित्रहीन है, बैठा रहता है दुकान पर, मैं अब जीवन से विशेष दुखी होकर इस जगह अपनी जान शर्म की खातिर गंवा रहा हूं। कृपया इस को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। विस्तृत बातें उच्चाधिकारियों के पत्र में लिख दी हैं, जो आपके पास जांचों में आने वाली हैं। यह घटना नौहरे में 12 बजे की है।
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