दिल्ली में बड़ी धर-पकड़ रही पिछले दिनों. पुलिस के हत्थे एक बाबा चढ़ा. नाम था, वीरेंद्र दीक्षित. कुछ मीडिया वालों ने इसका नामकरण कर दिया. बलात्कारी बाबा. कह रहे हैं कि ये बाबा रोजाना 10 लड़कियों के साथ बलात्कार करता था. कहते हैं कि 16,000 लड़कियों का टारगेट था इसका. दिल्ली में कई जगह आश्रम थे. देश के कई और शहरों में भी थे. बाबा के बारे में रोज-रोज खबरें आ रही हैं. गॉसिप, अफवाहें, बहुत कुछ हो रहा है. सबसे ज्यादा ऐक्टिव है सोशल मीडिया. बल्कि ओवरटाइम कर रहा है. एक पोस्ट खूब वायरल हो रही है. इस पोस्ट का नाता है स्मृति ईरानी से. पोस्ट में स्मृति हाथ जोड़े किसी बाबा के सामने खड़ी हैं. बाबा उन्हें देखकर मुस्कुरा रहे हैं.
प्रसाद पर खास गौर कीजिएगा. प्रसाद के बहाने क्या कहने की कोशिश की गई है, इसे समझना बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है. और हां, इस पोस्ट को कंगना रनौत ने नहीं शेयर किया है. ये उनके नाम पर बनाई गई कोई फेक आईडी है.
क्या है इस वायरल पोस्ट में?
पोस्ट के मुताबिक, वीरेंद्र देव दीक्षित के आश्रम जाकर उनसे मिलने वाली लड़कियों और महिलाओं की लिस्ट में स्मृति ईरानी का भी नाम शामिल है. पोस्ट में लिखा है कि स्मृति ईरानी भी वीरेंद्र देव दीक्षित के आश्रम गईं थीं. बाबा अपने आश्रम में आई लड़कियों के साथ क्या करता था, ये हमें मालूम है. सो लोग स्मृति ईरानी के संदर्भ में भी दबे-चुपके उसी ओर इशारा कर रहे हैं. पोस्ट में जो लिखा है, उसे ज्यों का त्यों लिख रहे हैं हम नीचे:
कई लोग पोस्ट शेयर करके बीजेपी के मजे ले रहे हैं
कई लोग इस पोस्ट को शेयर करके बीजेपी और बीजेपी समर्थकों के मजे ले रहे हैं. इसे शेयर करने वाले कई लोगों ने लिखा है, ‘कुछ कहना चाहते हो क्या भक्तों?’ भक्तों का क्या मतलब है, इसे बताने की जरूरत तो एकदम नहीं होनी चाहिए.
वीरेंद्र देव दीक्षित की खबर सामने आने के एक-दो दिन बाद ही ये पोस्ट वायरल होने लगी. इस पोस्ट के साथ कई तस्वीरें शेयर की जा रही हैं. ये तस्वीर उसी वायरल सीरीज में शामिल है.
इस वायरल पोस्ट की सच्चाई कुछ और है
2014 की बात है. नवंबर की. स्मृति ईरानी एकाएक बड़ी सुर्खियों में आईं. उन्हें एक ज्योतिषी के पास देखा गया था. राजस्थान के भीलवाड़ा में एक गांव है. करोई. यहीं रहते हैं पंडित नाथूलाल व्यास. ज्योतिषी का काम करते हैं. हाथ की लकीरों से भविष्य बताते हैं. स्मृति के साथ उनके पति जुबिन ईरानी भी थे. पंडित व्यास ने उनसे कहा कि वो आगे चलकर भारत की राष्ट्रपति बन सकती हैं. स्मृति ईरानी और पंडित नाथूलाल व्यास की ये मुलाकात बड़ी खबरों में रही. खूब तस्वीरें चलीं इसकी. लोगों ने स्मृति की आलोचना भी की थी. कहा कि पब्लिक फिगर होकर अंधविश्वास को बढ़ावा दे रही हैं. खैर, जो भी हो. नवंबर 2014 का ये वाकया हम अब आपको क्यों बता रहे हैं? क्योंकि ये ही तस्वीरें हैं, जिन्हें वीरेंद्र देव दीक्षित और स्मृति ईरानी के मुलाकात के सबूत के तौर पर पेश किया जा रहा है. वायरल पोस्ट में स्मृति जिस शख्स को नमस्ते कर रही हैं, वो वीरेंद्र देव दीक्षित नहीं है. वो पंडित नाथूलाल व्यास हैं. और ये किसी आश्रम की नहीं, बल्कि पंडित व्यास के घर की तस्वीर है.
राजनीतिक विरोध पर ऐसे घटिया काम किए जाएंगे?
ये पोस्ट झूठी, सरासर झूठी, बकवास और फर्जी है, जिसमें बेहूदगी और बदतमीजी भरी है. ये इनवर्टेड कौमा में ‘प्रसाद’ लेने गई थीं लिखने से नीयत छुप नहीं जाती. बहुत भद्दी बात कही गई है ये. बहुत टुच्ची हरकत है ये. कोई भी नई घटना हो तो मौका देखकर अपने विरोधियों पर कीचड़ उछाल दो. ऐसा भी नहीं कि पंडित नाथूलाल व्यास और वीरेंद्र देव दीक्षित की शक्ल में उन्नीस-बीस का अंतर हो. दोनों बिल्कुल अलग दिखते हैं. सो गलतफहमी में पोस्ट लिख देने और शेयर कर देने का तो मामला ही नहीं ये. जान-बूझकर किया गया है सब. कई लोग राजनैतिक या विचारधारा के विरोध का तरीका ही नहीं जानते. राजनीति को राजनीति से हराते हैं. विचारधारा की काट विचारधारा है. बेहूदगी हर हाल में बेहूदगी ही रहेगी.
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