खण्डवा // 27-दिसम्बर-2017
कृषि विज्ञान केन्द्र की सलाहकार समिति की रबी मौसम की बैठक मंगलवार को सम्पन्न हुई।
इस कार्यक्रम के विशेष अतिथि डॉ.आई.एस. तोमर, सह निदेशक अनुसंधान, आफंचलिक कृषि अनुसंधान केन्द्र, झाबुआ थे व कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. पी.पी.शास्त्री अधिष्ठाता बी. एम. कृषि महाविद्यालय ने की। कार्यक्रम में उप संचालक कृषि श्री आर.एस.गुप्ता, उप संचालक आत्मा श्री ए.एस.सोलंकी, उप संचालक पशुपालन डॉ. जितेन्द्र कुल्हारे, नाबार्ड के श्री एम.वी.पाटील, कृषि अभियांत्रिकी के श्री शुक्ला, सहायक संचालक कृषि श्री सी.एस.डावर, श्री एस.एस.निगवाल, बीज प्रमाणीकरण के श्री ओमेश्वर जाधवच व श्री राधेष्याम पटीदार, प्रगतिशील कृषक श्री राजकुमार पटेल, जामनी (खालवा), श्री भगवान पटेल (छैगॉंवदेवी) श्री अभय खण्डेलवाल एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों ने भाग लिया।इस अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक डॉ. डी. के. वाणी ने इस वर्ष खरीफ मौसम में की गई गतिविधियों का विवरण प्रस्तुत किया। इसके पश्चात कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों सर्वश्री वाय.के. शुक्ला ने मृदा विज्ञान, आशिष बोबड़े ने पौध संरक्षण, श्री सुभाष रावत ने कृषि विस्तार, एवं रश्मि शुक्ला ने कृषि में महिलाओं विषय पर अपनी कार्य योजना प्रस्तुत की।
अधिष्ठाता डॉ. शास्त्री ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड के उपयोग को बढाकर उर्वरकों के सही उपयोग से उत्पादन को अधिकतम सीमा तक ले जाने हेतु प्रशिक्षणें की आवश्यकता बतलाई। कृषि विज्ञान केन्द्र में चलाई जा रही कड़कनाथ मुर्गी पालन को और बढाकर बड़ी हैचरी लगाने व आय बढाने हेतु कृषकों के लिए मुर्गी पालन एवं गौ पालन पर विशेष जोर दिया।
डा. शास्त्री ने कृषि से जुड़े अन्य व्यवसाय को कृषकों को अपनाने पर ज्यादा काम करने को कहा ताकि प्रसंस्करण से कृषकों को उसी उत्पाद का ज्यादा फायदा मिल सके। सह निदेषक अनुसंधान डॉ. आई. एस. तोमर ने फसल उत्पादन के साथ साथ उद्यानिकी व पशुपालन की अनिवार्यता बतलाई। डॉ. तोमर ने भूमि की उर्वरता बढाने व मौसम की अनुंकूलता को देखते हुए फसलें व किस्मों के चुनाव का सुझाव दिया।
छा. तोमर ने लाख पर किये जाने वाले कार्यो को ज्यादा क्षेत्र में फैलाने की आवश्यकता बतलाई। उप संचालक कृषि श्री गुप्ता ने कृषकों के प्रशिक्षणों व प्रदर्शनों में पूरा सहयोग का आश्वासन दिया।
उप संचालक पशुपालन श्री कुल्हारे ने कड़कनाथ पोल्टी के विस्तार हेतु प्रोत्साहत किया। उप संचालक आत्मा श्री सोलंकी ने लाख उत्पादन में कृषकों की भागीदारी सुनिश्चित हेतु वादा किया। कृषक श्री भगवान पटेल ने प्रदर्शनों की संख्या बढानें व नई तकनीकों को अपनाने हेतु सहयोग की अपेक्षा की।
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