इंदौर. बेटी से दोस्ती कर आरोपी ने एमएमएस बनाया। वीडियो वायरल करने की धमकी देने पर बेटी ने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस तो दर्ज किया लेकिन बेटी के मोबाइल का डेटा आरोपी तक पहुंचा दिया।
टीआई और एएसआई स्तर के कर्मचारियों ने आरोपी से 10 लाख रुपए लेकर केस दबा दिया। यह आरोप लगाकर एक महिला फूटफूट कर रोने लगी। नाराज डीआईजी ने दोनों अफसरों के खिलाफ जांच बैठा कर क्राइम ब्रांच से रिपोर्ट मांगी है।
नंदलालपुरा निवासी लक्ष्मी (परिवर्तित नाम) मंगलवार को पुलिस जनसुनवाई में पहुंची और एमजी रोड टीआई अनिल यादव व एएसआई रमेश बारोड़ पर आरोप लगाए। महिला ने डीआईजी से कहा कि बेटी रीना (परिवर्तित नाम) की पंढरीनाथ निवासी अमित भिलवारे से दोस्ती थी। आरोपी ने उसका एमएमएस बनाया और फोटो लिए। ब्लैकमेलिंग से तंग आकर बेटी ने 11 अप्रैल को आत्महत्या कर ली। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामला दबा दिया।
शिकायत के बाद अमित के खिलाफ केस तो दर्ज कर लिया लेकिन टीआई व एएसआई ने आरोपी से सांठगांठ कर ली। उसको गिरफ्तार नहीं किया गया। एएसआई ने बेटी के मोबाइल से महत्वपूर्ण डेटा भी आरोपी तक पहुंचा दिया जिससे उसकी हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत मंजूर हो गई। आरोपी अमित, भाई सुमित और पिता अशोक पीड़ित परिवार को धमका रहा है। डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र ने क्राइम ब्रांच को जांच के निर्देश दिए हैं। टीआई यादव के मुताबिक आरोपी अमित के खिलाफ चालान पेश कर दिया गया है। महिला के आरोप गलत हैं। पुलिस ने परिवार की मौजूदगी में ही छात्रा के मोबाइल की जांच की थी।
ऑनलाइन खरीदी में ठगाए
शिकायतकर्ता मुकेश गेहलोत ने शिकायत में कहा कि ओएलएक्स से आईफोन का सौदा किया था। आरोपी ने झांसे में लेकर 30000 जमा करवा लिए लेकिन मोबाइल देने से इनकार कर दिया। इसी तरह भगतसिंह नगर निवासी मनोज प्रसाद ने बताया कि उसे एक महिला ने कॉल किया था। उसने रिवर्ट पॉइंट का झांसा दिया और क्रेडिट खाते की जानकारी लेकर 8 हजार रुपए निकाल लिए।
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