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भोपाल गैंगरेप केस में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने चारों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। ये मामला सुर्खियों में छाया रहा जिसके बाद तुरंत न्याय के लिए मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में की गई।
गौरतलब है कि भोपाल में 31 अक्टूबर की शाम को इस वारदात को अंजाम दिया गया था। कोचिंग सेंटर से हबीबगंज जा रही 19 साल की छात्रा के साथ चार लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया था। छात्रा यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रही थी।
पीड़िता ने कहा था कि, 'चारों दरिंदों को जिंदा रहने का कोई हक नहीं है। उन्हें चौराहे पर फांसी पर टांगना चाहिए। यदि वे छूट गए तो फिर किसी के साथ रेप करेंगे।'
पीड़िता ने कहा था कि, 'चारों दरिंदों को जिंदा रहने का कोई हक नहीं है। उन्हें चौराहे पर फांसी पर टांगना चाहिए। यदि वे छूट गए तो फिर किसी के साथ रेप करेंगे।'
गैंगरेप की रिपोर्ट को लेकर पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठे थे, जिसने केस को फिल्मी मानते हुए एफआईआर दर्ज करने से मना कर दिया था। शिकायत करने के 24 घंटे बाद केस दर्ज हुआ था। मामले में पुलिस की फजीहत को देखते हुए इस लापरवाही के लिए कई पुलिसवालों को सस्पेंड भी किया गया था। मेडिकल रिपोर्ट से भी छेड़छाड़ हुई थी। मामले को लेकर विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सरकार को घेरा था।
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