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पटना। बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि रांची के केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की विशेष अदालत द्वारा चारा घोटाले के दूसरे मामले में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिए जाने पर उन्हें कोई आश्चर्य नहीं हुआ। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता श्री मोदी ने कहा कि इस मामले में श्री यादव के खिलाफ उनके अलावा पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह की ओर से इतने पुख्ता प्रमाण दिए गए थे कि यह तो होना ही था। चारा घोटाले के ही एक मामले में पूर्व से सजा पा चुके श्री यादव सुधरने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि श्री यादव को एक मामले में पहले ही सजा मिल चुकी है जबकि दूसरे में आज उन्हें आज दोषी करार दिया गया है और अन्य चार मामलों में भी वह सजा से नहीं बच सकेंगे।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय।अदालत का निर्णय उन राजनेताओं के लिए चेतावनी है जो दलित, पिछड़ों एवं अकलियतों का नाम लेकर अवैध और बेनामी सम्पति का अम्बार खड़ा करते हैं। उन्होंने कहा कि चारा घोटाला के पहले ही एक मामले में सजा मिलने के बावजूद श्री यादव ने कोई सबक नहीं लिया और ‘लारा’ घोटाला को अंजाम दिया यानी अपने तो डूबे ही पत्नी, बेटे, बेटी और दामाद तक को नहीं छोड़ा। हजार करोड़ की बेनामी सम्पति के मामले में सबको फंसा दिया। फार्म हाउस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED )ने श्री यादव के दामाद और बेटी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया है।
श्री मोदी ने कहा कि चारा घोटाला से यदि सबक लिए होते तो श्री यादव रेलमंत्री के नाते बेनामी सम्पति एकत्र करने के अलग-अलग तरीके इजाद नहीं किए होते। कभी गिफ्ट तो कभी वसीयत के जरिए जमीन-मकान हथिया लिया।
उन्होंने कहा कि फैसला आने के पहले न्यायालय में भरोसा जताने वाले श्री यादव को अदालत के फैसले को सहर्ष स्वीकार करना चाहिए और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेताओं को न्यायालय के खिलाफ ऊलूल-जुलूल बयान देने से रोकना चाहिए।
उन्होंने कहा कि फैसला आने के पहले न्यायालय में भरोसा जताने वाले श्री यादव को अदालत के फैसले को सहर्ष स्वीकार करना चाहिए और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेताओं को न्यायालय के खिलाफ ऊलूल-जुलूल बयान देने से रोकना चाहिए।
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