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नई दिल्ली। यहां के रोहिणी स्थित आध्यात्मिक विश्वविद्यालय में सैकड़ों लड़कियों के बंधक होने की खबर ने सनसनी फैला दी है। दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर आश्रम में छापेमारी की गई। साथ ही, हाईकोर्ट की ओर से नियुक्त समिति ने भी आश्रम का दौरा किया।
समिति ने बुधवार को हाईकोर्ट में जानकारी दी कि आश्रम में 100 से ज्यादा लड़कियों को बंधक बनाकर रखा गया है। इनमें से ज्यादातर नाबालिग हैं। समिति के मुताबिक कि उन्हें वहां अच्छे हालात नजर नहीं आए। समिति को ठीक से आश्रम का निरीक्षण नहीं करने दिया गया।
समिति ने यह भी आरोप लगाया कि ‘आध्यात्मिक विश्वविद्यालय’ में बच्चियों को जानवरों की तरह लोहे की सलाखों के पीछे रखा गया था और वे कांटेदार बाड़े से घिरी हुई थीं। बच्चियों के नहाने के दौरान भी कोई निजता प्राप्त नहीं थी। हाईकोर्ट ने इस पूरी जानकारी को गंभीरता से लिया है।
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हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआई को कहा है कि वह विशेष जांच दल का गठन करे। यह जांच दल तत्काल पुलिस से तमाम रिकॉर्ड व दस्तावेज लेकर काम शुरू करे। कार्यवाहक चीफ जस्टिस गीता मित्तल एवं जस्टिस सी हरीशंकर की पीठ ने आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के संचालक वीरेंद्र देव दीक्षित को निर्देश दिया है कि वह गुरुवार को पीठ के समक्ष उन तमाम लोगों की सूची पेश करे जो उनकी संस्था द्वारा बनाई गई दो इमारतों में रहते हैं।
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