TOC NEWS @ www.tocnews.org
श्रीनगर : प्रदेश में पी.डी.पी.-भाजपा गठबंधन सरकार टूटने के बाद पी.डी.पी. की परेशानियां बढ़ती ही जा रही हैं। कुछ दिनों पहले पार्टी के तीन विधायकों द्वारा पी.डी.पी. अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती पर कई आरोप लगाने के बाद श्रीनगर के जड़ीबल निर्वाचन क्षेत्र से विधायक आबिद रजा अंसारी ने एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और पी.डी.पी. के वरिष्ठ नेताओं पर आरोप लगाया है और कहा कि 14 पी.डी.पी. विधायक पार्टी छोडऩे के लिए तैयार हैं। उन्होंने नईम अख्तर, वहीद पारा, पीरजादा मंसूर और सरताज मदनी पर निशाना साधते हुए उनपर गंभीर आरोप लगाए हैं।
अंसारी ने कहा कि मैं कम से कम 14 पी.डी.पी. विधायकों के संपर्क में हूं, जो असंतुष्ट हैं और पार्टी छोडऩे के लिए तैयार हैं। तीसरा मोर्चा बनने से इंकार नहीं किया जा सकता है। अंसारी ने नईम अख्तर, पीरजादा मंसूर, वहीद उर रहमान पारा और सरताज मदनी पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी की स्थापना पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद द्वारा उनके खून की पेशकश से की गई, जिसे उनकी अक्षम बेटी और अन्य सदस्यो द्वारा बर्बाद कर दिया गया है।
महबूबा पर विधायकों को अपमानित करने का आरोप
आबिद रजा अंसारी ने कहा कि महबूबा मुफ्ती और उनके वफादारों ने समय-समय पर हर विधायक को अपमानित किया है। महबूबा ने नईम अख्तर को तैयार किया जिसने गलत फायदा उठाया। अख्तर, जिनको लोगों ने नही चुना था, ने हर निर्वाचन क्षेत्र में दखल दिया और मंत्रियों तथा विधायकों को सुचारु रुप से काम नहीं करने दिया। अख्तर भ्रष्टाचार में शामिल हुए और मध्य कश्मीर के बडगाम जिला में 250 कनाल भूमि खरीद ली। मामले की जांच करने की जरुरत है। उन्होंने पीरजादा मंसूर, सरताज मदनी, फारुक अंद्राबी के साथ मिलकर महबूबा मुफ्ती को गुमराह किया। साथ ही हर पी.डी.पी. विधायक को नईम अख्तर या पीरजादा मंसूर के हाथों से अपमानित होना पड़ा।
आबिद रजा अंसारी ने कहा कि महबूबा मुफ्ती और उनके वफादारों ने समय-समय पर हर विधायक को अपमानित किया है। महबूबा ने नईम अख्तर को तैयार किया जिसने गलत फायदा उठाया। अख्तर, जिनको लोगों ने नही चुना था, ने हर निर्वाचन क्षेत्र में दखल दिया और मंत्रियों तथा विधायकों को सुचारु रुप से काम नहीं करने दिया। अख्तर भ्रष्टाचार में शामिल हुए और मध्य कश्मीर के बडगाम जिला में 250 कनाल भूमि खरीद ली। मामले की जांच करने की जरुरत है। उन्होंने पीरजादा मंसूर, सरताज मदनी, फारुक अंद्राबी के साथ मिलकर महबूबा मुफ्ती को गुमराह किया। साथ ही हर पी.डी.पी. विधायक को नईम अख्तर या पीरजादा मंसूर के हाथों से अपमानित होना पड़ा।
उन्होंने कहा कि महबूबा मुफ्ती से मिलने से पहले हर पी.डी.पी. विधायक को पीरजादा मंसूर को सूचित करना या मिलना अनिवार्य था। महबूबा के पास शायद ही कभी किसी विधायक से मिलने के लिए समय था। मंसूर पी.डी.पी. विधायकों को क्या करने या नहीं करने के निर्देश देता था। कई विधायकों को उस समय अपमानित होना पड़ता था जब महबूबा मुफ्ती उनकी शिकायतों को नहीं सुनती थी और इसके बजाय उनको पीरजादा मंसूर से मिलने के लिए कहती थी। साथ ही सबसे बड़ा अपमान यह था कि निर्वाचित प्रतिनिधियों पर पराजित उम्मीदवारों द्वारा शासन चलाया जाता था।
शिकायतें सुनने की जगह करती थी अपमान
अंसारी ने कहा कि एक दिन 11 विधायकों का दल महबूबा मुफ्ती से मिलने के लिए गए। मैं उस दल का हिस्सा था और हम सभी की कई शिकायतें थी। हमारी शिकायतों का समाधान करने के बजाय महबूबा मुफ्ती ने हमारा अपमान किया और हम पर आरोप लगाया कि हम उनको हटाने के लिए साजिश रच रहे हैं। उनकी अपरिपक्वता ने हमें सभी को परेशान कर दिया।
अंसारी ने कहा कि एक दिन 11 विधायकों का दल महबूबा मुफ्ती से मिलने के लिए गए। मैं उस दल का हिस्सा था और हम सभी की कई शिकायतें थी। हमारी शिकायतों का समाधान करने के बजाय महबूबा मुफ्ती ने हमारा अपमान किया और हम पर आरोप लगाया कि हम उनको हटाने के लिए साजिश रच रहे हैं। उनकी अपरिपक्वता ने हमें सभी को परेशान कर दिया।
No comments:
Post a Comment