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लंदन। ब्रिटेन की हाईकोर्ट के जज ने उद्घोगपति विजय माल्या के संपत्ति के मामले में संघ के समझौते के तहत अनुदान प्रवर्तन के लिए 13 भारतीय बैंकों के पक्ष में फैसला सुनाया है।
बैकों ने करीब नौ हजार करोड़ रुपये के धोखधड़ी और मनी लॉडरिंग के मामले में बकाया वसूली की मांग की थी। ब्रिटिश हाईकोर्ट ने गुरुवार को भारतीय बैंकों की अर्जी पर यह आदेश दिया। इसमें कहा गया कि अफसर कार्रवाई के दौरान जरूरत पड़ने पर पुलिस की मदद भी ले सकते हैं। हालांकि, कोर्ट ने यह साफ किया कि बैंक इस आदेश का इस्तेमाल अपनी रिकवरी के लिए नहीं कर सकते।
कोर्ट ने कहा कि हमारा जांच अधिकारी और उसके अधीन काम करने वाला किसी भी जांच एजेंसी का अधिकारी लंदन के करीब हर्टफोर्डशायर स्थित माल्या की संपत्तियों की जांच और जब्ती की कार्रवाई कर सकता है। इन संपत्तियों में लेडीवॉक, ब्राम्बले लॉज भी शामिल हैं। मौजूदा समय में माल्या यहीं रहता है। इसका अर्थ बैकों के पास 1.45 अरब पाउंड के करीब धन को फिर से हासिल करने के साधनों के विकल्प के साधनों के रूप में एक होगा।
इसके तहत हाईकोर्ट के प्रवर्तन अधिकारी और एक एजेंट को लेडीवॉक, क्वीन हू लेन, टेविन, वेल्विन, ब्रैबल लॉज, क्वीन हू लेन और लेडीवॉक व ब्रैबल लॉज के बाहरी हिस्से में तलाशी और नियंत्रण में लेने की अनुमति दी है। यह आदेश 26 जून को जस्टिस ब्रायन ने जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि यदि आश्वयक हो संपत्ति में प्रवेश करने के लिए उचित बल का उपयोग किया जा सकता है।
माल्या पर 9 हज़ार करोड़ के मनी लॉड्रिंग और धोखाधड़ी का केस चल रहा है। इस आदेश में यूके हाई कोर्ट के प्रवर्तन अधिकारी ने लंदन के निकट हर्टफोर्डशायर में स्थित माल्या की संपत्ति को जब्त करने की अनुमति दे दी है। आदेश के अनुसार अधिकारी और उनके एजेंट अब लेडीवॉक और टेविन स्थित ब्रेंबल लॉज में दाखिल हो सकते हैं जहां माल्या वर्तमान में हैं।
पिछले दिनों प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मुंबई की विशेष अदालत ने विजय माल्या को नोटिस जारी कर 27 अगस्त तक हाजिर होने के आदेश दिया था। यदि माल्या इसके पहले अदालत में पेश नहीं हुए, तो अदालत नए भगोड़ा कानून के तहत उनकी संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दे सकती है।
बैंकों के साथ हजारों करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर विदेश भाग जाने वालों को बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार ने संसद के पिछले बजट सत्र में भगोड़ा कानून पास कराया था। इस कानून के तहत आर्थिक अपराध में भगोड़ों की संपत्ति जब्त करने का प्रावधान है।
ईडी पहली बार इस कानून का इस्तेमाल माल्या के खिलाफ करने जा रहा है। पिछले हफ्ते ईडी ने माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कराने और उसकी 12,500 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त करने के लिए कोर्ट में अपील की थी। इसके तहत अचल संपत्तियों के साथ-साथ शेयर्स जैसी चल संपत्तियों को जब्त करने का प्रस्ताव किया गया था।
ईडी के मंसूबों को देखते हुए विजय माल्या भी अपनी संपत्तियों को बचाने की कोशिश में जुट गए हैं। इसी हफ्ते एक खुला पत्र जारी कर माल्या ने बैंकों के सारे कर्ज लौटाने और किंगफिशर एयरलाइंस के कर्मचारियों का बकाया वेतन चुकाने का प्रस्ताव किया था।
माल्या का कहना है कि ईडी उनकी 13,900 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त कर रहा है। जबकि उनकी देनदारी पांच-छह हजार करोड़ रुपये से अधिक की नहीं है। इस सिलसिले में माल्या ने 22 जून को बेंगलुरु हाई कोर्ट में अपील भी दाखिल की थी। इसी में विजय माल्या ने इन संपत्तियों को बेचकर कर्ज अदायगी का मौका देने की मांग की है।
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