सुभाष चंद्रा और नवीन जिंदल के बीच छह साल बाद सुलह |
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साल 2013 पूर्व सांसद नवीन जिंदल ने कोयला घोटाले के संबंध में जी न्यूज़ के सुधीर चौधरी और समीर अहलूवालिया पर 100 करोड़ मांगने के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस ने सुधीर चौधरी और समीर अहलूवालिया को गिरफ़्तार भी किया था.
कोयला घोटाले के संबंध में 100 करोड़ रुपये के कथित धन उगाही के मामले में पूर्व लोकसभा सांसद नवीन जिंदल और उनकी कंपनी जिंदल स्टील पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) ने ज़ी न्यूज़ और उसके संपादकों- सुधीर चौधरी व समीर अहलूवालिया के ख़िलाफ़ मामला वापस ले लिया है.
ज़ी समूह और जिंदल समूह के बीच छह साल बाद बीते शुक्रवार को सुलह हो गई. शुक्रवार को दिन में ज़ी समूह के प्रमुख और राज्यसभा सांसद सुभाष चंद्रा और नवीन जिंदल ने मुलाकात की.
इस मुलाकात के बाद सुलह की ख़बर सुभाष चंद्रा और नवीन जिंदल ने अपने-अपने ट्विटर एकाउंट से ट्वीट कर दी.
मालूम हो कि साल 2013 में यह सनसनीख़ेज ख़बर आई थी, जिसमें तत्कालीन कांग्रेस सांसद और जेएसपीएल के प्रमुख नवीन जिंदल ने दिल्ली पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराकर आरोप लगाया था कि ज़ी समूह के वरिष्ठ पत्रकारों (सुधीर चौधरी और समीर अहलूवालिया) द्वारा कोयला घोटाले के संबंध में उनसे 100 करोड़ रुपये मांगे हैं.
मालूम हो कि 27 नवंबर 2012 को नवीन जिंदल की शिकायत पर ज़ी न्यूज़ के तत्कालीन प्रमुख सुधीर चौधरी और ज़ी बिज़नेस के तत्कालीन प्रमुख समीर अहलूवालिया को दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार भी किया था.
इन आरोपों के बाद ज़ी समूह ने भी जिंदल समूह के ख़िलाफ़ केस दर्ज कराया था. तब से ये मामले कोर्ट में चल रहे थे.
We have resolved all differences
that took place because of miscommunication. Happy to leave all that behind. Thank you @subhashchandra ji for your good wishes. Let there be #Peace . @ZeeNews@sudhirchaudharypic.twitter.com/4wWMvQtBsV— Naveen Jindal (@MPNaveenJindal) July 13, 2018
सुभाष चंद्रा ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘मैं खुश हूं कि जेएसपीएल और नवीन जिंदल ने धन उगाही के संबंध में ज़ी न्यूज़ और इसके संपादकों ख़िलाफ़ दिल्ली पुलिस में दर्ज कराई गई एफआईआर वापस ले ली है. इसी तरह ज़ी समूह भी इस बात पर सहमत हुआ है कि जेएसपीएल और नवीन जिंदल के ख़िलाफ़ अपनी शिकायतें वापस ले लेगा. मैं नवीन को शुभकामनाएं देता हूं.’
नवीन ने भी ट्वीट कर लिखा, ‘हमने सभी मतभेद ख़त्म कर लिए हैं जो कि गलतफहमी की वजह से पैदा हुए थे. खुश हूं कि सबकुछ पीछे छोड़ दिया. शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद सुभाष चंद्रा जी.’
भाजपा में शामिल हो सकते हैं जिंदल
दैनिक भास्कर ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि यह सुलह इस वजह से हो सकी है क्योंकि नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी हो सकते हैं. दोनों में काफी समय से समझौते के प्रयास चल रहे थे.
पूर्व में एक केंद्रीय मंत्री, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री समेत जिंदल परिवार और गोयनका परिवार के लोगों ने कई बार सुलह की कोशिश की थी, लेकिन बात नहीं बन सकी थी. रिपोर्ट में दोनों समूह के बीच सुलह में भाजपा के एक बड़े नेता का हाथ होने की बात कही गई है.
रिपोर्ट के अनुसार, 2014 के लोकसभा चुनाव में सुभाष चंद्रा ने कुरुक्षेत्र जाकर अप्रत्यक्ष तौर पर नवीन जिंदल के ख़िलाफ़ मोर्चा संभाला और जिंदल चुनाव में हार गए.
हिसार विधानसभा चुनाव में नवीन की मां सावित्री जिंदल को चुनाव हरवाने में भी उनकी अहम भूमिका मानी जाती है. अब दोनों में समझौता होने के बाद माना जा रहा है कि इससे भाजपा को हिसार और कुरुक्षेत्र दोनों जगह मज़बूती मिलेगी.
कोयला घोटाला और नवीन जिंदल
मालूम हो कि बीते 13 जुलाई को ही दिल्ली की एक विशेष अदालत ने कोयला घोटाला मामले में कांग्रेस नेता और उद्योपति नवीन जिंदल अन्य के ख़िलाफ़ घूसखोरी के लिए उकसाने का अतिरिक्त आरोप तय करने का आदेश दिया है.
यह मामला झारखंड के अमरकोंडा मुर्गदंगल कोयला ब्लॉक आवंटन से जुड़ा हुआ है. विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ 16 अगस्त को औपचारिक तौर पर आरोप तय किए जाएंगे.
अदालत ने अप्रैल 2016 में जिंदल, पूर्व कोयला राज्य मंत्री दसारी नारायण राव, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता और अन्य 11 के ख़िलाफ़ आईपीसी और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराओं के तहत आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी के लिए आरोप तय करने के आदेश दिए थे.
सीबीआई का आरोप था कि कोड़ा ने अमरकोंडा मुर्गदंगल ब्लॉक के आवंटन के लिए जिंदल समूह की कंपनियों – स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) और गगन स्पंज आयरन प्राइवेट लिमिटेड (जीएसआईपीएल) को लाभ पहुंचाया था.
आरोप है कि जिंदल समूह की कंपनी जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड ने अन्य के साथ मिलकर स्क्रीनिंग कमेटी के फैसले काे प्रभावित किया. इसके लिए दो करोड़ रुपये से अधिक की घूस दी गई.
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