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ब्यूरो चीफ गाडरवारा // अरूण श्रीवास्तव : 8120754889
गाडरवारा। पिछले दिनों चना खरीदी पर जिस तरह किसान परेशान हुआ था। उसी तरह आज गाडरवाड़ा कृषि उपज मंडी में मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के अंतर्गत रवि वर्ष 2018 में पंजीकृत किसानों द्वारा ग्रीष्मकालीन मूंग व उड़द फसल का विक्रय करने के लिए राज्य शासन के द्वारा मिला था। आदेश जिसमें नरसिंहपुर जिले में एकमात्र केंद्र नरसिंहपुर बनाया गया था।
जिसमें किसानों की मूंग खरीदी की जाना थी लेकिन जिले के किसानों द्वारा मांग करने पर फिर राज्य शासन ने अपने उस आदेश में संशोधन करते हुए अब जिले की पांच कृषि उपज मंडी गाडरवारा तेंदूखेड़ा गोटेगांव नरसिंहपुर एवं करेली में मूंग एवं उड़द की खरीदी 31 जुलाई 2018 तक की जावेगी जिसके चलते क्षेत्र के किसान अब अपनी मूंग व उड़द की फसल को गाडरवारा मंडी में भी विक्रय कर सकते हैं जिसकी शुरुआत बीते हुए 5 जुलाई से शुरू हो भी चुकी है।
इस संबंध में बताया जाता है कि राज्य शासन द्वारा मूंग के लिए प्रति कुंटल 800 रूपये की प्रोत्साहन राशि निर्धारित की गई है उड़द के लिए भी शीघ्र राशि निर्धारित की जा रही है इस योजना के अंतर्गत ग्रीष्मकालीन मूंग की औसत उत्पादकता 12 कुंटल और उड़द के लिए औसत उत्पादकता 14 कुंटल प्रति हेक्टेयर निर्धारित की गई है आदेश के बाद गाडरवारा तहसील के किसान अपनी मुंग कृषि उपज मंडी गाडरवारा लेकर पहुंच रहे हैं लेकिन उन्हें जबरदस्त परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है कृषि उपज मंडी गाडरवारा में अपनी मूंग लेकर आए किसानों ने बताया कि हम सुबह 4ः30 बजे से जवाहर कृषि उपज मंडी म अपनी मुंग लेकर वैठे हैं बैठे हैं
हमारा सौदा तो हो गया लेकिन तुलाई का कार्य 12 से 2 बजे रात तक किया जा रहा है 5 जुलाई से गाडरवारा मंडी में मूंग खरीदी शुरू होने के कारण देखा गया है कि 6 जुलाई को भारी मात्रा में क्षेत्र के किसान इस मंडी में अपनी मूंग लेकर पहुंचे जिसके चलते अनेक किसानों को खुले मैदान में मुंग को रखने के लिए मजबूर होना पड़ा इस प्रकार से जब किसानों की मूग बाहर रखी हुई थी तो अचानक बारिश हो जाने के कारण अनेक किसानों की मूंग बारिश में भीग गई सवाल यह पैदा होता है कि जब किसान शासन के बुलावे पर अपना अनाज लेकर मंडी पहुंच रहा है तो उन्हें वहां पर पर्याप्त व्यवस्था मंडी प्रशासन द्वारा नहीं दी जा रही हैं क्योंकि जहां प्रशासन द्वारा मूंग खरीदी केंद्रों पर संपूर्ण सुविधा देने की बात कही गई है तो फिर इसमें किसान की गलती तो हो ही नहीं सकती जिसके चलते किसानों की मुंग खराब हो रही है
जब इस संबंध में शाम को नईदुनिया प्रतिनिधि ले जवाहर कृषि उपज मंडी का निरीक्षण किया तो किसानों ने बताया कि हम दिन दिन भर यहां पर बैठे हैं लेकिन हमारी ना तो तुलाई हो रही है ना ही हमारी कोई बात मंडी कर्मचारी सुन रहे हैं मंडी कार्यालय में जाकर जब मंडी कर्मचारियों से संपर्क करना चाहा तो जिन लोगों की रात्रि कालीन सेवाएं मंडी में लगाई गई थी वह लोग मंडी में उपस्थित नहीं पाए गए सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मंडी में कम से कम 30 सुरक्षा गार्ड रखे गए हैं
लेकिन पूरी मंडी का निरीक्षण करने के बाद मात्र एक या दो सुरक्षा गार्ड उपस्थित पाए गए गेट पर भी मंडी का कोई भी कर्मचारी उपस्थित नहीं था एकमात्र कर्मचारी जो मंडी कार्यालय में बैठकर कार्य कर रहा था उससे जानकारी ली गई तो उसने जानकारी नहीं दी मंडी सचिव से संपर्क करना चाहा तो उनका मोबाइल स्विच ऑफ बता रहा था ऐसे हालातों में आज किसान फिर उसी मुसीबत में फंस गया है जैसे कि पिछले दिनों चना खरीदी में फंसा था यह सब राज्य शासन द्वारा बार-बार अपने आदेशों में संशोधन करने के बाद हो रहा है
राज्य शासन द्वारा पहले घोषणा की गई थी कि मूंग की एवं उड़द की खरीदी भावंतर योजना के अंतर्गत की जावेगी लेकिन बाद में उसी आदेश में संशोधन करते हुए राज्य शासन द्वारा कहा गया है कि मूंग खरीदी भावंतर योजना में नहीं होगी हम केवल 800 रूपये प्रति कुंटल के हिसाब से किसान को बोनस देंगे आज जबकि खरीफ की फसल बुआई का समय है और किसान अपनी मूंग लेकर कृषि उपज मंडी में दो-दो तीन-तीन दिन पड़ा रह रहा है। अपनी मुंग बेचने की कोशिश कर रहा है मंडी प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है ना ही अपनी जवाबदारी समझ रहा है मंडी प्रशासन एवं शासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
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