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ब्यूरो चीफ गाडरवारा, जिला नरसिंहपुर // अरुण श्रीवास्तव : 91316 56179
नरसिंहपुर । गाडरवारा अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत की तर्ज पर कि इन दिनों प्रशासनिक कार्य प्रणाली कार्य कर रही है जहां अधिकार मांगे जाने पर जेल मिलती है तो उस जिले में आजादी के मायने बहुत ही सीमित और प्रश्नवाचक हो जाते हैं एक कनेक्ट जैसे गंभीर एवं जन कल्याणकारी दायित्व पर विराजमान व्यक्ति जिस पर जिले के लाखों व्यक्तियों के जीवन स्तर को सुधारने एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी हो उसे अपराधी और फरियादी के बीच का फर्क भी समझ ना आए तो बहुत ही शर्म एवं चिंता का विषय है.
61 वर्षीय बुजुर्ग जो कि अपने गांव में सड़क बनवाने की मांग को लेकर कलेक्टर की जनसुनवाई में आया और अपने अधिकार को अधिकार की तरह मांगा लेकिन आजाद भारत के एक कलेक्टर के दिमाग में बैठे हुए जनरल डायर को शायद यह पसंद नहीं आया और उस बुजुर्गों को धारा 151 में जेल भेज दिया वह भी 4 दिन के लिए 24 तारीख की शाम जब बुजुर्गों की जमानत हुई उसके बाद पत्रकार बंधुओं के समक्ष उस बुजुर्ग की आंखों से अश्रुधारा रूपी कई सवाल वह निकले वह सवाल जो जिले की शान कहे जाने वाले राजनेताओं एवं समाज जेंटलमैन कहे जाने वाले अधिकारियों के अंदर की हकीकत बयां कर रहे थे कहते हैं।
कि जब प्रजा अन्याय के कारण आंसू बहाने को मजबूर हो जाए तब समझ लीजिए राजा का वैभव और वर्चस्व खतरे में है अब ऐसी स्थिति में जिले के माननीयों को भी ऐसे टेढ़े और गैर जिम्मेदार अधिकारियों पर नकेल कसने के लिए प्रयास करना ही चाहिए और दूर-दूर तक मानव के अधिकारों के दिखाई ना पढ़ने वाले मानव अधिकार आयोग को भी इस मामले में आगे आने की आवश्यकता है क्योंकि इसी प्रकार के अन्याय के चलते एक सीधा साधा इंसान बाकी बनने पर मजबूर हो जाता है.
अपराधियों माफियाओं पर कृपा-दृष्टि किसानों एवं पत्रकारों को जिला बदल
कलेक्टर द्वारा पीड़ित बुजुर्गों ने कलेक्टर अभय वर्मा के खिलाफ कार्यवाही हेतु मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन जरूर होता है लेकिन इस ज्ञापन पर कार्यवाही होने के लिए मुख्यमंत्री जी को कितना समय लगता है यह समझने वाली बात होगी क्योंकि इस बुजुर्ग किसान के साथ किया गया अन्याय नरसिंहपुर में चल रहे किसान आंदोलन के लिए भी एक बड़ा विषय बन सकता है क्योंकि कलेक्टर महोदय किसानों का करोड़ों रुपए बगैर ब्याज के लोग कर किसानों को कर्जा लेने पर मजबूर करने वाले शुगर मिल मालिकों पर कोई कार्यवाही नहीं करते बच्चादानी कांड के आरोपी भी बगैर जेल जाए सस्ते में निपटा दिए गए जिले में शराब माफिया सट्टा माफिया खनन माफिया गौ तस्करी सागौन तस्करी गांजा एवं स्मेक शक्कर और इसके अलावा दर्जनों गंभीर मामलों के सैकड़ों आरोपी खुलेआम शहर में घूमते हैं और बार-बार अपराधों को अंजाम देते हैं लेकिन ऐसे लोग जिलाबदर नहीं किए जाते लेकिन अधिकार मांगने वाला किसान और सच्चाई लिखने वाला पत्रकार जिला बदर अपराधी की श्रेणी में रख दिया जाता है तो यह समझा जा सकता है कि जो गद्दार और भ्रष्ट नहीं है जो सच बोलने सच लिखने के लिए आगे आएगा तो जेल जाएगा और हो सकता है देश के ऐतिहासिक उदाहरणों की तरह इस बुजुर्ग की जेल यात्रा के बाद भी कोई नई क्रांति का आगाज हो जाए यह देखने वाली बात होगी
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