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उचेहरा। तीन दिनों की बरसात ने शहर की सफाई .व्यवस्था की कलई खोल कर रख दी है। पूरे शहर में गंदगी का साम्राज्य है। प्रमुख मार्ग हो या फिर गलियां सभी में कीचड़ बज बजा रहा है। नाले .नालियों का पानी उफना कर सड़क पर आ गया है। सड़क किनारे लगे कूड़े के ढेरों से राह पर चलना मुश्किल हो गया है। शहर के अधिकांश नाले नालियां चोक हैं। जल निकासी की व्यवस्था तार-तार है। तालाबों को पाट पर कब्जा हो चुका है।
कुछ नाले भी अवैध कब्जा कर अवरूद्ध किए जा चुके हैं। नाले नालियों की सफाई के नाम पर सिर्फ पालीथीन हटाने का काम किया जाता है। जिसके चलते जल निकासी की व्यवस्था चौपट है। मामूली बरसात में ही सफाई व्यवस्था की कलई खुलकर सामने आ गई। नाला .नालियां का पानी उफना कर सड़क पर बहने लगा। कीचड़ और सिल्ट से सड़कें पट गई। कचेहरी समेत कई प्रमुख मार्गो पर पानी भरा है।
नालियों का कचरा सड़क पर आ गया है जिससे लोगों को गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है। गलियों की हालत तो इससे भी बदतर है। सबसे खास बात यह है कि इन जर्जर सड़कों को लेकर पालिका प्रशासन भी उपेक्षा पूर्ण रवैया अपनाए है। शहर भर में चारों ओर गंदगी का साम्राज्य फैला हुआ है। प्रमुख मार्गों गलियों में गंदगी फैली नजर आ जाएगी। सफाई कर्मचारियों द्वारा सड़कों पर कूडे के ढेर लगा देते हैं जिसमें आवारा सुअर गायें व सांडों धमाचौकड़ी कर चारों ओर बिखेर देते हैं जिससे राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। बारिश के मौसम में जलावर्धन प्रोजेक्ट के लिए खोदी गई सड़कों पर कीचड़ फैल रही है।
वहीं नाले.नालियों के जाम होने से सड़कें तालाब में तब्दील हो जाती हैं जिसके कारण वाहन चालक दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं। शहर में सुअरों के आतंक को देखते हुए न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश के उपरांत भी शहर से सुअर नहीं हट सके जो गंदगी फैलाने में अहम भूमिका निर्वहन करते हैं। चुने गए जनप्रतिनिधियों के लाख प्रयास करने के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है। अमूमन बारिश से पूर्व नगर पालिका प्रशासन द्वारा शहर भर के नालों.नालियों की सफाई कराने की जहमत नहीं उठाई जिसके कारण जरा सी बारिश होने पर सड़कों पर तालाब जैसे हालात निर्मित हो जाते हैं।
साथ ही निचली बस्ती में निवासरस लोगों के घरों में पानी भरने से उन्हें आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ता है। नालियां अतिक्रमणकारियों ने नाले.नालियों पर अतिक्रमण कर नाले नालियों पर कर पाते। उनमें जमा होने वाली गंदगी के कारण नालियां जाम हैं कहीं.कहीं तो नालियां अपना अस्तित्व ही खो चुकी हैं। बहने वाली गंदगी सड़कों पर फैलती है जिसकी दुर्गंध से नागरिकों का सड़कों पर चलना तक मुश्किल हो रहा है। जागरूक नागरिकों ने इसकी शिकायत भी की लेकिन आज तक नगर पालिका के अधिकारी व कर्मचारियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया जिसकी वजह से नागरिक गंदगी में जीवन जीने को विवश बने हुए हैं।
क्या कहते हैं जुम्मेदार नगर के चिंहित सुअर पालकों को कई बार नोटिस दी गयी है यदि सुअरों की नगर से हटानेे की व्यवस्था सुअर पालक नही करते हैं तो आवारा के तहत कार्यवाही की जायेगी
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