गाडरवारा : सरकारी अस्पतालों की हालत ख़राब मरीजों के लिए नहीं बेड एवं चादर |
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ब्यूरो चीफ गाडरवारा // अरुण श्रीवास्तव : 91316 56179
गाडरवारा . सरकारी अस्पतालों की हालत किसी से छिपी नहीं है अस्पताल में भर्ती मरीजों के इलाज पर सरकार करोड़ों रुपए खर्च करती है इसके बाद भी वहां मरीजों को बेड पर साफ चादर तक नसीब नहीं होती अस्पताल में फटी और गंदी चादर मानों मरीजों किस्मत बन गई है इस बदनामी से बचने के लिए सरकार और अस्पतालों में रोज अलग रंग की चादर बिछाने जा रही है
ताकि मरीजों को साफ चादर नसीब हो सके इसका उदाहरण गार्डन वाला शासकीय सिविल हॉस्पिटल है जहां मरीजों को पलंग पर वेट नहीं है अगर थोड़ा बहुत है तो उसके ऊपर गंदी एवं मैली फटी चादर बिछी हुई है यह हालात केवल गाडरवाड़ा के नहीं नरसिंहपुर जिले की सभी शासकीय अस्पतालों के हैं वहीं दूसरी ओर शासकीय अस्पतालों में डॉक्टरों की भी कमी है जिसके चलते मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है इसका उदाहरण जनपद पंचायत साईं खेड़ा का शासकीय अस्पताल है जहां महिला डॉक्टर 7 डॉक्टरों की पोस्टिंग है
लेकिन एक ही डॉक्टर पदस्थ है अस्पतालों में फटी और गंदी चादर मरीजों किस्मत बन गई है इस बदनामी से बचने के लिए सरकार अब अस्पतालों में रोज अलग रंग की चादर बिछाने जा रही है ताकि मरीजों को सांप चादर नसीब हो पाए अभी अस्पतालों में सफेद चादर बिछाई जाती है ले आ जाए यह पता करना मुश्किल होता है कि चादर या तकिए का कवर बदला या नहीं कई बार धुलाई के बाद भी सफेद चादर से फूल या अन्य निशान नहीं जा पाते ऐसी स्थिति में मरीज को सफेद चादर का इस्तेमाल करना अच्छा नहीं लगता मरीजों को बैक्टीरिया वायरस और फंगस इंफेक्शन का डर रहता है
रंगीन चादर के पीछे स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का तर्क था कि मरीजों को रंगीन चादर तकिया सफेद के मुकाबले रंगीन चादर तकिया अच्छे लगेंगे निरीक्षण के दौरान भी पहली नजर में यह पकड़ में आ जाएगा की चादर बदली या नहीं जब मरीजों के बिस्तर पर रोज नए रंगों की चादर बिछा जाएगी तो मानसिक रूप से मरीज अच्छा महसूस करेगा शासकीय अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं जिससे फोटो से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी यह देख सकेंगे कि कितने दिन में दूसरे रंग की चादर तो नहीं बुझा दी गई कर्मचारी भी बहाना नहीं कर पाएंगे लेकिन यह मैसेज के लिए भी शर्मनाक है कि उन्होंने इस तरह कर्तव्य की कोताही कि है
कि उन पर सरकार को भरोसा ही नहीं रहा वहीं यह सरकार की भी नाकामी है क्यों है इनसे इतना काम भी सुनिश्चित नहीं कर पाई और उसे इतनी प्रपंच करने पड़ रहे हैं कि कर्मचारियों के काम पर शासन को विश्वास नहीं क्योंकि नर्सेज सिर्फ चादर थोड़ी बदलती है वह काम से जी चुराते हैं तो मरीजों की देखभाल में कोताही बरतने वाले कर्मचारियों के ऊपर सरकार को कार्यवाही करना चाहिए चादर तो सरकार रंग बदल कर भी बदलवा लेगी पर उनसे कोई काम करवाना कैसे सुनिश्चित करेगी उनका तो पेशा मानवता की सेवा करने का है
सरकार को सबसे ज्यादा लोगों को स्वास्थ्य और शिक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए सरकार अपने हर बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए हर समय बजट बढ़ाने की बात करती है लेकिन धरातल पर शिक्षा एवं स्वास्थ्य जनता को जो सुविधाएं मिलना चाहिए वह नहीं मिल पा रही है
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