*श्री तुलसी 5 तरह की तुलसी के पौधों का सत्*
पारंपरिक भारतीय चिकित्सा प्रणाली में तुलसी सर्व रोग नाशक के रूप में मानी जाती है जिसमे बहुत सारे मिनरल्स पाए जाते हैं जिसमें *विटामिन ए बीटा कैरोटीन पोटेशियम आयरन कोपर मैगनीज और मैग्नीशियम*
तुलसी दिल के लिए बेहतरीन टॉनिक के रूप में कार्य करती है और भारत में हजारों सालों से इसकी पूजा होती आ रही है यहां तक कि संक्रमण का इलाज करने के लिए तुलसी से बढ़िया इस पूरे विश्व में कोई भी जड़ी-बूटी नहीं है।
*तुलसी हमको 200 बीमारियों में लाभदायक है*
जैसे फ्लू स्वाइन फ्लू डेंगू बुखार खांसी जुखाम जोड़ों के दर्द ब्लड प्रेशर मोटापा शुगर एलर्जी पेशाब संबंधित समस्या वाक नकसीर फेफड़ों में सूजन अल्सर तनाव वीर्य की कमी थकान भूख में कमी उल्टी आदि।सिर दर्द बुखार जुखाम दमा इत्यादि में तुलसी की दो बूंदें शहद में मिलाकर देने से बहुत लाभ होता है।
*कैंसर में श्री तुलसी की दो बूंदें एक गिलास छाछ के साथ सवेरे शाम पिलाएं*
श्री तुलसी का रस दाद खुजली एग्जिमा इत्यादि चर्म रोगों में तथा गाव को भरने में एक बेहतरीन औषधि है। आग से जलने पर किसी जहरीले कीड़े के काटने पर श्री तुलसी को लगाने से विशेष लाभ मिलता है ।सिर दर्द बाल झड़ना बाल पकना मे तुलसी का सेवन अवश्य करें तुलसी की 8 से 10 बूंदें मिलाकर एलो जेल के साथ मिलाकर सिर पर कनपटियों पर बालों की जड़ों में मालिश करें *कान का दर्द एवं कान का बहना*
श्री तुलसी की एक बूंद हल्की सी गर्म करके कान में डालें *दांतों में दर्द कीड़ा लगना खून आना*
तुलसी की बूंदे पानी में डालकर कुल्ला करना चाहिए मुंह की दुर्गंध तुरंत दूर हो जाएगी *गले में दर्द गले में छाले आवाज बैठ जाना* गर्म पानी में डालकर गरारे करें श्री तुलसी के साथ में बोडी ओयल मिलाकर लगाने से मच्छर नहीं काटेंगे *जुएं और लिखे*
तुलसी और नींबू का रस समान मात्रा में मिलाकर बालों की अच्छी तरह से लगाएं रात्रि में लगाकर सोए सुबह सिर धो लें जुएं और लिखे मर जाएगी
यूं तो तुलसी अनेक रोगों में लाभदायक है लेकिन मैंने मुख्य बातें आप को बताई है उपयोग रोजाना श्री तुलसी की एक बूंद एक गिलास पानी में डालकर इस्तेमाल करें प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन श्री तुलसी की 8 से 10 बूंद अवश्य करनी चाहिए
*नोट* श्री तुलसी का सेवन दूध में डालकर कभी नहीं करें श्री तुलसी के उपयोग के बाद आधे घंटे बाद दूध का सेवन करें
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