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भोपाल. राजनैतिक दलों की कार्यशाला को संबोधित करते हुये मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री व्ही.एल. कान्ता राव ने कहा है कि निर्वाचन प्रक्रिया में राजनैतिक दल अभिन्न अंग है। निर्वाचन प्रक्रिया में मतदाता सबसे महत्वपूर्ण है। उसके बाद राजनैतिक दलों का योगदान महत्वपूर्ण होता है।
प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव-2018 को बेहतर तरीके से संपन्न कराने के लिये राजनैतिक दलों के साथ समन्वय आवश्यक है। इसलिये पहली बार ऐसी कार्यशाला का आयोजन किया गया है, जिसमें राजनैतिक दलों के प्रश्नों का उत्तर दिया जा सके और निर्वाचन प्रक्रिया के प्रत्येक चरण से संबंधित अद्यतन जानकारियाँ उपलब्ध हो सकें।
कार्यशाला में श्री राव ने बताया कि प्रदेश में 70 से अधिक राजनैतिक दलों से संपर्क कर उनको कार्यशाला में आमंत्रित किया गया है। कार्यशाला का उद्देश्य राजनैतिक दलों के साथ संवाद और समन्वय बनाकर निर्वाचन प्रक्रिया को संपन्न कराया जाना हैं। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशन में आगामी विधानसभा चुनाव-2018 स्वतंत्र, निष्पक्ष, शांतिपूर्ण मतदान के साथ समावेशी, सुगम, विश्वसनीय और नैतिक मतदान कराया जाना है।
कार्यशाला में भारत निर्वाचन आयोग के प्रधान सचिव श्री एस.के. रूडोला ने कहा कि देश में निर्वाचन के दौरान राजनैतिक दलों के साथ इस प्रकार की कार्यशाला एक अच्छा नवाचार है। प्रदेश में कार्यशाला में इतने अधिक राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति स्वस्थ निर्वाचन की भावना का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में राजनैतिक दलों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इससे जनता का निर्वाचन प्रक्रिया में विश्वास बना रहता है।
प्रशिक्षण कार्यशाला में श्री विनोद कुमार अवर सचिव भारत निर्वाचन आयोग, अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री संदीप यादव, श्री लोकेश जाटव, संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री विकास नरवाल ने भी राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को निर्वाचन प्रक्रिया के बारे में समझाया।
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