नीमच में अन्न का अधिकार मानव अधिकार जागरूकता कार्यशाला सम्पन्न PIC : ANI NEWS INDIA |
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जिला ब्यूरो चीफ नीमच // विश्वजीत भट्ट : 9575888891
अन्न का अधिकार जीवन के संरक्षण के अधिकार में शामिल है : श्री विश्वकर्मा
नीमच 13 सितम्बर 2018, देश के संविधान में व्यक्तियों को प्रदत्त जीवन के संरक्षण के अधिकारी में अन्न का अधिकार भी शामिल है। कोई भी व्यक्ति जो भूखा है और वह अन्न उपार्जन की शारीरिक क्षमता नही रखता या अन्न खरीदने में आर्थिक रूप से सक्षम नही है उसे भी अन्न उपलब्ध कराना शासन की महत्वपूर्व जिम्मेदारी है।
इसलिए गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारो को 35 किलोग्राम अन्न प्रतिमाह रियायती दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है। यह बात गुरूवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष नीमच में म.प्र.मानव अधिकार आयोग के स्थापना दिवस 13 सितम्बर को अन्न का अधिकार मानव अधिकार विषय पर आयोजित जागरूकता कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए आयोग मित्र श्री कमलाशंकर विश्वकर्मा ने कही ।
इस जागरूकता कार्यशाला में विधायक नीमच श्री दिलीपसंह परिहार, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अंवितका-मेहरसिंह जाट, जिला पंचायत सदस्य श्री धनसिंह कैथवास, मानव अधिकार आयोग श्री कमलाशंकर विश्वकर्मा एंव श्री विजय बैरागी, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री कमलेश भार्गव, जिला आपूर्ति अधिकारी श्री आर.सी.जागडें, जिला अधिकारी एवं उचित मूल्य दुकानों के सेल्समेन भी उपस्थित थे।
कार्यशाला में आयोग मित्र श्री कमलाशंकर विश्वकर्मा, श्री विजय बैरागी ने सुझाव दिया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से रियायती दरों पर आम उपभोक्ताओं को सस्ता राशन समय पर मिले। कार्यशाला में बताया गया कि मानव अधिकार की टीम लगातार समाज से जुडे महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। समाज व हरवर्ग के लोगों के साथ मिलकर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है।
जनता व पुलिस के बीच सहयोग का पुल बनाने तथा पीडितों को न्याय दिलाने काकार्य भी मानव अधिकार आयोग कर रहा है। कार्यशाला में मानव अधिकार क्या है? मानव अधिकार की जरूरत क्या है? मानव अधिकार बचाए रखने के लिए पुलिस को क्या करना चाहिए। गिरफ्तारी के समय ध्यान देने योग्य बिन्दु, तलाशी के समय ध्यान रखने योग्य बातें, रोजगार की व्यवस्था व कानूनी मदद आदि बिन्दुओं पर विस्तार से जानकारी दी।
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