बैतूल से विशेष संवाददाता की रिपोर्ट
जबलपुर // बैतूल । श्रमिक आदिवासी संगठन और पीडि़त पारधीयो की 11 साल लम्बी लड़ाई के बाद यह परिणाम आया। मामले में अलसिया पारधी के और से वकील राघवेन्द्र कुमार ने पैरवी की। सीबीआई कोर्ट जबलपुर की जज माया विश्वालाल ने फैसला आज सुनाया।
सीबीआई द्वारा पारधी कांड में बोन्द्रू दंपत्ति की हत्या के मामले में दर्ज मामले में बुधवार सीबी आई सत्र न्यायालय जबलपुर ने पूर्व के आरोपियों के अतिरिक्त पूर्व विधायक सुखदेव पानसे, भाजपा नेता राजा पंवार, कचरू सरपंच, सुरेश सरपंच, विजय डाक्टर, संदीप साबले, उमेश डांगे एवं तत्कालीन एसडीओपी डी. एस. साकल्ले के विरुद्ध प्रथम दृष्टया हत्या में शामिल होने का आरोपी मानकर समस्त आरोपियों को सम्मन द्वारा आहूत किए जाने का आदेश जारी किया है।
प्रकरण में अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को है। उपरोक्त प्रकरण में पीडि़त पारधी समूह की तरफ से फरियादी अलसिया पारधी ने पूर्व में माननीय सी बी आई न्यायालय के समक्ष आरोप लगाया था कि सी बी आई ने जानबूझ कर प्रभावशाली आरोपियों को बचाने के लिए घटना के चक्षुदर्शी पारधी सदस्यों के बयान डायरी में दर्ज करने के बावजूद भी उनके बयान कोर्ट में पेश नहीं किया था।
अलसिया पारधी के उक्त आवेदन को स्वीकार करते हुए सी बी आई कोर्ट ने डायरी में दर्ज गवाहों को कोर्ट साक्षी के बतौर गवाही देने बुलाया। कोर्ट में बयान और प्रतिपरीक्षण के दौरान पारधी चक्षुदर्शी गवाहों ने उपरोक्त अतिरिक्त आरापियों के विरूद्ध बोन्द्रू दंपत्ति की हत्या व बलात्कार की घटना स्वत: कारित करने, दुष्प्रेरित करने व साक्ष्य प्रभावित करने के आरोप लगाए।
तत्पश्चात एक बार पुन: अलसिया पारधी ने सी बी आई कोर्ट के समक्ष उपरोक्त आरोपियों को भी प्रकरण में आरोपी बनाए जाने का आवेदन किया। मामले में बयान और प्रतिपरीक्षण के आधार पर उद्भूत साक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए माननीय सी बी आई कोर्ट ने उपरोक्त अतिरिक्त आरोपियों को प्रथम दृष्टया आरोपी माना है।
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