छिंदवाड़ा : नेशनल लोक अदालत में 10325 प्रकरणों का निराकरण, 10765 व्यक्ति हुये लाभान्वित |
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जिला ब्यूरो चीफ, जिला छिंदवाडा // राज कुमार सक्ससेना : 92850 74034
छिंदवाड़ा . जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री बी.एस. भदौरिया ने आज अन्य अतिथियों के साथ स्थानीय जिला न्यायालय परिसर के ए.डी.आर.भवन में गांधी जी के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलित कर नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया।
इस लोक अदालत में जिला न्यायालय के साथ ही सिविल न्यायालय अमरवाडा, चौरई, पांढुर्णा, परासिया, जुन्नारदेव और सौंसर में रखे गये 19 हजार 749 प्रकरणों में से एक हजार 325 प्रकरणों का निराकरण करने के साथ ही 4 करोड 46 लाख 79 हजार 268 रूपये की राशि के अवार्ड पारित किये गये जिससे एक हजार 765 व्यक्ति लाभान्वित हुये। इसमें लंबित 2 हजार 530 प्रकरणों में से 539 और प्रि-लिटीगेशन के 17 हजार 219 प्रकरणों में से 786 प्रकरणों का निराकरण शामिल हैं।
इस नेशनल लोक अदालत की विशेष सफलता के अंतर्गत जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री भदौरिया की उपस्थिति में कुटुम्ब न्यायालय के एक प्रकरण में दोनों पक्षकारों की काउंसलिंग कर उन्हें समझाईश देने पर दोनों पक्षकार आपसी मतभेदों को भुलाकर एक साथ जिदंगी जीने के लिये सहमत हुये और उन्होंने एक दूसरे को वरमाला पहनाकर आज से ही नये वैवाहिक जीवन की शुरूआत की। इस अवसर पर विशेष न्यायाधीश श्री नवनीत कुमार गोधा, कुटुम्ब न्यायाधीश श्रीमती आशा एन.गोधा, अन्य न्यायाधीशगण, जिला अभियोजन अधिकारी श्री समीर पाठक, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री सोमनाथ राय, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र सिंह बैस, अन्य पदाधिकारी एवं सदस्य, अधिवक्तागण, बैंक, बीमा, विद्युत, प्राधिकरण और न्यायालय के कर्मचारी एवं संबंधित विभागों के अधिकारी और पक्षकारगण उपस्थित थे।
जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री राय ने बताया कि इस नेशनल लोक अदालत में लंबित प्रकरणों के अंतर्गत चैक बाउंस के प्रस्तुत 459 प्रकरणों में से 84 प्रकरणों का निराकरण कर 90 लाख 70 हजार 832 रूपये की राशि का अवार्ड पारित किया गया जिससे 167 व्यक्ति लाभान्वित हुये। मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा के 165 प्रकरणों में से 47 प्रकरणों का निराकरण कर एक करोड 46 लाख 3 हजार रूपये की राशि का अवार्ड पारित किया गया जिससे 196 व्यक्ति लाभान्वित हुये। अन्य सिविल के 400 प्रकरणों में से 18 प्रकरणों का निराकरण कर 35 लाख 44 हजार 2 रूपये की राशि का अवार्ड पारित किया गया जिससे 45 व्यक्ति लाभान्वित हुये।
विद्युत के 310 प्रकरणों में से 298 प्रकरणों का निराकरण कर 72 लाख 76 हजार 218 रूपये की राशि का अवार्ड पारित किया गया जिससे 300 व्यक्ति लाभान्वित हुये। लोक अदालत में वैवाहिक विवाद के 868 प्रकरणों में से 56 प्रकरणों का निराकरण कर 3 लाख 74 हजार रूपये की राशि का अवार्ड पारित किया गया जिससे 140 व्यक्ति लाभान्वित हुये। इसी प्रकार 16 अन्य मामलों में से 4 का निराकरण कर एक लाख 76 हजार 405 रूपये की राशि का अवार्ड परारित किया गया जिससे 7 व्यक्ति लाभान्वित हुये। आपराधिक शमनीय के 302 प्रकरणों में से 32 प्रकरणों का निराकरण कर 6 लाख 50 हजार रूपये की राशि का अवार्ड परारित किया गया जिससे 86 व्यक्तियों को लाभान्वित किया गया। लोक अदालत में श्रम विवाद के 10 प्रकरण भी रखे गये।
इसी प्रकार प्री-लिटिगेशन के प्रकरणों के अंतर्गत बैंक वसूली के 8 हजार 103 प्रकरणों में से 128 प्रकरणों का निराकरण कर 66 लाख 60 हजार 614 रूपये की राशि का अवार्ड पारित किया गया जिससे 128 व्यक्ति लाभान्वित हुये। विद्युत के 2 हजार 218 प्रकरणों में से 203 प्रकरणों का निराकरण कर 12 लाख 30 हजार 616 रूपये की राशि का अवार्ड पारित किया गया जिससे 203 व्यक्तियों को लाभान्वित किया गया। जल कर के 2 हजार 469 प्रकरणों में से 284 प्रकरणों का निराकरण कर 8 लाख 14 हजार 521 रूपये की राशि का अवार्ड पारित किया गया जिससे 296 व्यक्ति लाभान्वित हुये। बी.एस.एन.एल. के 4 हजार 312 प्रकरणों में से 132 प्रकरणों का निराकरण कर 2 लाख 79 हजार 60 रूपये की राशि का अवार्ड पारित किया गया जिससे 132 व्यक्ति लाभान्वित हुये। लोक अदालत में वैवाहिक मामलों के 117 प्रकरणों में से 39 प्रकरणों का निराकरण किया गया जिससे 65 व्यक्ति लाभान्वित हुये।
नेशनल लोक अदालत में कुटुम्ब न्यायालय के अंतर्गत पक्षकार श्रीमती बाली विरूध्द हनुमंता के दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 125 के प्रकरणों में दोनों पक्षकारों की 3-3 बार काउंसलिंग कर उन्हें समझाईश देने पर दोनों पक्षकार आपसी मतभेदों को भुलाकर एक साथ जिदंगी जीने के लिये सहमत हुये और उन्होंने आज ही जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री भदौरिया और कुटुम्ब न्यायालय की न्यायाधीश श्रीमती गोधा, प्राधिकरण के सचिव श्री विजय सिंह कावछा व अन्य अधिवक्ताओं के समक्ष एक दूसरे को वरमाला पहनाकर नये वैवाहिक जीवन की शुरूआत की। इस लोक अदालत को सफल बनाने के लिये 33 खंडपीठ गठित कर 33 पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति की गई थी जिसमें 26 न्यायिक और 7 पुलिस परामर्श केन्द्र की खंडपीठ शामिल है।
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