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नई दिल्ली: अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकाप्टर डील में कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल को रॉ द्वारा भारत लाया जा चुका है. NSA अजीत डोवाल के नेतृत्व में 'ऑपरेशन यूनिकॉर्न' के तहत क्रिश्चियन मिशेल को भारत लाया गया है.
भारत आने से पहले दुबई अथॉरिटी के समक्ष क्रिश्चियन मिशेल ने कहा था कि 'मैं जांच में दिए गए अपने पिछले बयान पर जोर देता हूं और कंफर्म है कि मेरे ऊपर लगे आरोपों के पीछे वजह ये है कि मैंने इस डील में कांग्रेस की मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के साथ डील की था.
मिशेल ने कहा कि अब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने मुझे पिछली सरकार पर दबाव डालने के लिए इस केस में घसीटा है. इस डील में कोई भी घोटाला नहीं हुआ था और न ही मैंने किसी तरह की रिश्वत ली थी. मैं कंपनी की भारत स्थित शाखा में काम नहीं कर रहा था, मैं कंपनी की यूके स्थित शाखा में कार्यरत था. विशेष रूप से उस वक़्त जब ऊंचाई बदल कर 6000 मीटर से 4000 मीटर की गई थी.'
मिशेल ने आगे कहा कि 'मैंने यह भी जिक्र किया था कि मेरे खिलाफ पहले भी भारत सरकार के द्वारा मुक़दमा दर्ज कराया गया था और इटैलियन जज के निधन के बाद इतालवी अधिकारियों द्वारा आरोप लगाया गया था.' उल्लेखनीय है कि 8 फरवरी, 2010 को रक्षा मंत्रालय ने अगस्ता वेस्टलैंड इंटरनेशनल लिमिटेड के साथ इस सौदे को मंजूरी दे दी थी, इसकी डील 55.62 करोड़ यूरो में हुई थी.
आपको बता दें कि मिशेल के अलावा इस मामले में कई भारतीय अफसर भी आरोपी हैं. इनमें तत्कालीन वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी और उनके परिवारिक सदस्य शामिल हैं. इनपर आरोप है कि इन्होने साजिश के तहत उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए VVIP हेलिकॉप्टरों की उड़ान भरने की ऊंचाई की सीमा को 6,000 मीटर से कम करवाकर 4,500 करवा दी थी.
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