सैम पित्रोदा ने पहले एयर स्ट्राइक पर उठाए सवाल, अब सफाई में कही यह बात |
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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा ने भारतीय वायुसेना द्वारा बालाकोट पर की गई एयर स्ट्राइक में मारे गए आंतकियों की संख्या को लेकर पहले सवाल खड़े किए थे।। जब उनके बयान पर विवाद हुआ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसपर पलटवार किया तो उन्होंने अब सफाई दी है। उनका कहना है कि उन्होंने एक नागरिक के तौर पर यह बात कही थी, पार्टी की तरफ से नहीं।
विवाद बढ़ने पर सैम ने सफाई देते हुए कहा, 'मैंने केवल एक नागरिक के तौर पर कहा। मैं यह जानने का हकदार हूं कि क्या हुआ था। मैं पार्टी की तरफ से नहीं बोल रहा हूं, केवल नागरिक के तौर पर बोल रहा हूं। मुझे जानने का हक है। इसमें गलत क्या है? मुझे समझ में नहीं आता है कि इसमें विवाद क्या है। मैं इस प्रतिक्रिया पर चकित हूं। यह दिखाता है कि कैसे भारत में लोग इन मामलों पर प्रतिक्रिया देते हैं। यह पूरी तरह से नगण्य मामला था। एक नागरिक केवल सवाल पूछ रहा है।' उनके पहले दिए बयान पर प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा है कि सुरक्षाबलों को नीचा दिखाना विपक्ष की आदत है।
उन्होंने कहा था, 'यदि उन्होंने (वायुसेना) 300 लोगों को मारा तो ठीक है। मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि आप मुझे और तथ्य दीजिए और इसे साबित कीजिए।' जब पित्रोदा से जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंपों पर की गई एयर स्ट्राइक के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अतंरराष्ट्रीय मीडिया इसे दूसरी तरह से देख रही है और भारत के लोगों को वायुसेना के इस अभियान से जुड़े तथ्यों के बारे में जानने का हक है।
कांग्रेस नेता ने कहा, 'मैं इसके बारे में थोड़ा ज्यादा जानना चाहता हूं क्योंकि मैंने न्यूयॉर्क टाइम्स और दूसरे अखबारों की रिपोर्ट्स पढ़ी हैं। क्या हमने सच में हमला किया? हमने सच में 300 लोगों को मारा? मैं यह सब नहीं जानता। एक नागरिक के तौर पर मुझे जानने का हक है और यदि मैं पूछ रहा हूं तो यह मेरा कर्तव्य है। इसका मतलब यह नहीं है कि मैं राष्ट्रवादी हूं। इसका मतलब यह नहीं है कि मैं उस या इस तरफ हूं। हमें तथ्य जानने चाहिए। यदि आप कहते हैं कि 300 लोग मारे गए तो मुझे वह जानना है। भारत के लोगों को यह जानना चाहिए।'
पित्रोदा ने कहा, 'मैं गांधीवादी हूं। मैं ज्यादा इज्जत और दया देने में विश्वास रखता हूं। मैं निजी तौर पर बातचीत करने में विश्वास रखता हूं। मुझे लगता है कि हमें हर किसी के साथ बातचीत करनी चाहिए। केवल पाकिस्तान से ही क्यों नहीं? हम पूरी दुनिया के साथ बात कर रहे हैं।' पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बातचीत करने के विकल्प पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि यदि कुछ लोग यहां आकर हमला करते हैं तो उस देश के हर नागरिक को दोषी नहीं बनाना चाहिए।
उन्होंने कहा, 'मुझे पुलवामा आतंकी हमले के बारे में ज्यादा नहीं पता है। ऐसा हमेशा होता रहता है। मुंबई के ताज और ओबेरॉय होटल पर हमला हुआ था। हमने उस समय प्रतिक्रिया दी थी लेकिन मेरे हिसाब से यह सही दृष्टिकोण नहीं है। इस तरह आप दुनिया का सामना नहीं कर सकते। मुंबई हमले के दौरान आठ लोग आए थे और कुछ किया था। आप पूरे देश पर धावा नहीं बोल सकते।'
सैम पित्रोदा के पक्ष में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कहा है, 'हमारे सुरक्षाबलों के बलिदान पर कभी सवाल नहीं खड़े किए जाने चाहिए। लोकतंत्र में राजनेताओं से सवाल करना हमारा मौलिक अधिकार है। इस सरकार को खुद को भारतीय सेना समझना बंद करना चाहिए। जो राजनेता कहते हैं कि उनसे सवाल नहीं करने चाहिए वह खतरा हैं।'
विवाद बढ़ने पर सैम ने सफाई देते हुए कहा, 'मैंने केवल एक नागरिक के तौर पर कहा। मैं यह जानने का हकदार हूं कि क्या हुआ था। मैं पार्टी की तरफ से नहीं बोल रहा हूं, केवल नागरिक के तौर पर बोल रहा हूं। मुझे जानने का हक है। इसमें गलत क्या है? मुझे समझ में नहीं आता है कि इसमें विवाद क्या है। मैं इस प्रतिक्रिया पर चकित हूं। यह दिखाता है कि कैसे भारत में लोग इन मामलों पर प्रतिक्रिया देते हैं। यह पूरी तरह से नगण्य मामला था। एक नागरिक केवल सवाल पूछ रहा है।' उनके पहले दिए बयान पर प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा है कि सुरक्षाबलों को नीचा दिखाना विपक्ष की आदत है।
उन्होंने कहा था, 'यदि उन्होंने (वायुसेना) 300 लोगों को मारा तो ठीक है। मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि आप मुझे और तथ्य दीजिए और इसे साबित कीजिए।' जब पित्रोदा से जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंपों पर की गई एयर स्ट्राइक के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अतंरराष्ट्रीय मीडिया इसे दूसरी तरह से देख रही है और भारत के लोगों को वायुसेना के इस अभियान से जुड़े तथ्यों के बारे में जानने का हक है।
कांग्रेस नेता ने कहा, 'मैं इसके बारे में थोड़ा ज्यादा जानना चाहता हूं क्योंकि मैंने न्यूयॉर्क टाइम्स और दूसरे अखबारों की रिपोर्ट्स पढ़ी हैं। क्या हमने सच में हमला किया? हमने सच में 300 लोगों को मारा? मैं यह सब नहीं जानता। एक नागरिक के तौर पर मुझे जानने का हक है और यदि मैं पूछ रहा हूं तो यह मेरा कर्तव्य है। इसका मतलब यह नहीं है कि मैं राष्ट्रवादी हूं। इसका मतलब यह नहीं है कि मैं उस या इस तरफ हूं। हमें तथ्य जानने चाहिए। यदि आप कहते हैं कि 300 लोग मारे गए तो मुझे वह जानना है। भारत के लोगों को यह जानना चाहिए।'
पित्रोदा ने कहा, 'मैं गांधीवादी हूं। मैं ज्यादा इज्जत और दया देने में विश्वास रखता हूं। मैं निजी तौर पर बातचीत करने में विश्वास रखता हूं। मुझे लगता है कि हमें हर किसी के साथ बातचीत करनी चाहिए। केवल पाकिस्तान से ही क्यों नहीं? हम पूरी दुनिया के साथ बात कर रहे हैं।' पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बातचीत करने के विकल्प पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि यदि कुछ लोग यहां आकर हमला करते हैं तो उस देश के हर नागरिक को दोषी नहीं बनाना चाहिए।
उन्होंने कहा, 'मुझे पुलवामा आतंकी हमले के बारे में ज्यादा नहीं पता है। ऐसा हमेशा होता रहता है। मुंबई के ताज और ओबेरॉय होटल पर हमला हुआ था। हमने उस समय प्रतिक्रिया दी थी लेकिन मेरे हिसाब से यह सही दृष्टिकोण नहीं है। इस तरह आप दुनिया का सामना नहीं कर सकते। मुंबई हमले के दौरान आठ लोग आए थे और कुछ किया था। आप पूरे देश पर धावा नहीं बोल सकते।'
सैम पित्रोदा के पक्ष में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कहा है, 'हमारे सुरक्षाबलों के बलिदान पर कभी सवाल नहीं खड़े किए जाने चाहिए। लोकतंत्र में राजनेताओं से सवाल करना हमारा मौलिक अधिकार है। इस सरकार को खुद को भारतीय सेना समझना बंद करना चाहिए। जो राजनेता कहते हैं कि उनसे सवाल नहीं करने चाहिए वह खतरा हैं।'
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