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नरसिंहपुर से सलामत खान की रिपोर्ट....
(टाइम्स ऑफ क्राइम)
बिहार की घटना के बाद प्रशासन ने खोली आंखें जिले में 1&04 समूह बना रहे 1 लाख 25 हजार ब‘चों का मध्यान्ह भोजन, बिहार जैसी घटना को रोकने ऐहतिहयात जरूरी
नरसिंहपुर-चूल्हे में धूल-धुआं के साथ पक रहे चांवल |
नरसिंहपुर-चूल्हे में धूल-धुआं के साथ पक रहे चांवल |
इल्ली-कीड़े निकलने की कुछ घटनाएं बीते दिनों जरूर जिले में हो गईं हों पर अब भी व्यवस्थाओं में लापरवाही बरती जा रही है। अलबत्ता बिहार के सारण जिले में हुई घटना के बाद असमय चल बसे दो दर्जन ब‘चों के बाद प्रशासन की आंखें खुली हैं और दावा किया है कि अब हम सचेत हैं।
संकीर्ण गैलरी में भोजन करते ब‘चे |
नरसिंहपुर। फर्श गीला पर चटाई-दरी भी मौजूद नहीं, भोजन की प्रतीक्षा में छात्राएं। |
चैक किए 9 स्कूल
भोजन की व्यवस्था का जायजा लेने कोई व्यवस्था है?। हमने आज (गुरुवार) को ही 9 स्कूल चैक किए हैं। बहोरीपार से सूरवारी तक सभी को बोला है कि खाना साफ-सुथरे तरीके से बने, यह भी कहा है कि प्रभारी शिक्षक उसे चेक करें। तब ही खाना परोसें, बारिश में थोड़ी-बहुत दिक्कत होती है, फिर भी हमने डीईओ, डीपीसी और जनपद के सीईओ, बीआरसी से मानीटरिंग कराने की योजना बनाई है।
राजेश दसोरे, प्रभारी,
मिड-डे-मीलद कर रहे मॉनीटरिंग
नरसिंहपुर नगर के एक विद्यालय में मिड-डे-मील में ब‘चे |
एमएल पाठक, जिला परियोजना समन्वयक,
जिला शिक्षा केन्द्र नरसिंहपुर
कोई नहीं चखता मिड-डे-मील की गाइड लाइन के अनुसार भोजन बनने के बाद उसे समूह प्रभारी उसे चखें, देखें पर शायद ही कोई ऐंसे विद्यालय हों, जहां कोई उसे चख रहा हो।
भोजन के पहले न ब‘चों को साबुन से हाथ धोने की सलाह और न ही उचित बैठक।विद्यालय के एक कोने में लकड़ी और अन्य कबाड़, उसी स्थान पर फर्श पर बैठे ब‘चे।
नरसिंहपुर। फर्श गीला पर चटाई-दरी भी मौजूद नहीं, भोजन की प्रतीक्षा में छात्राएं।
मकड़ी के जाले, नीचे भोजन दिन मंगलवार, एक विद्यालय में एक अहाते में तैयार हो रहे मध्यान्ह भोजन के स्थान पर ऊपर मकड़ी के जाले लगे हैं, नीचे भोजन तैयार करके रखा है, गंज में दाल खुली पड़ी है, रोटियां सिक रही हैं, मक्खी भिनभिना रही हैं।
नरसिंहपुर। फर्श गीला पर चटाई-दरी भी मौजूद नहीं, भोजन की प्रतीक्षा में छात्राएं।
मकड़ी के जाले, नीचे भोजन दिन मंगलवार, एक विद्यालय में एक अहाते में तैयार हो रहे मध्यान्ह भोजन के स्थान पर ऊपर मकड़ी के जाले लगे हैं, नीचे भोजन तैयार करके रखा है, गंज में दाल खुली पड़ी है, रोटियां सिक रही हैं, मक्खी भिनभिना रही हैं।
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