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सिवनी। जनपद पंचायत सिवनी में हुए नौ लाख चालीस हजार रूपए के गबन के मामले में पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी कंचन डोंगरे को कोतवाली पुलिस ने अपना मेहमान बना लिया है। उनके साथ लेखापाल बाल मुकुंद श्रीवास्तव भी पुलिस की गिरफ्त में हैं।
अनुविभागीय अधिकारी पुलिस संजीव कुमार ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि कोतवाली पुलिस ने आज अपराध क्रमांक 353/13 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना आरंभ कर दी है। उन्होंने बताया कि इस मामले में जनपद पंचायत सिवनी की सीईओ कंचन डोंगरे एवं लेखापाल बी.एम.श्रीवास्तव को पकड़ा गया है। उनसे पूछताछ जारी है।
उन्होंने बताया कि कंचन डोंगरे के हस्ताक्षरों से जारी चेक से राशि का आहरण एक्सिस बैंक से किया गया है। कोतवाली पुलिस ने धारा 409, 420, 467, 468 के तहत मामला पंजीबद्ध कर जांच आरंभ कर दी है।
ज्ञातव्य है कि सिवनी जनपद के जून माह के प्रथम सप्ताह में विधायक निधि के 9 लाख 40 हजार के गबन का मामला प्रकाश में आया था, तब जनपद पंचायत की सीईओ कंचन डोंगरे ने लिपिक नारायण डहेरिया के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई थी। जनपद में व्याप्त चर्चाओं के अनुसार विधायक निधि के 9 लाख 40 हजार रूपए पार हो जाना और इसकी भनक सीईओ कंचन डोंगरे, एकाउंट ऑफिसर को न होना आश्चर्यजनक है। बताया जाता है कि भले ही इस पूरे मामले का ठीकरा लिपिक नारायण डहेरिया के ऊपर फोड़ दिया गया हो, पर कोतवाली पुलिस ने आज कंचन डोंगरे को गिरफ्तार कर मामले की तह तक पहुंचने का प्रयास किया गया है।
पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि एक चेक 2011 में गायब होने की सूचना जनपद के रिकार्ड में दर्ज करवाई गई थी। इसी चेक पर वर्तमान सीईओ कंचन डोंगरे ने हस्ताक्षर कर उसे आहरण के लिए भेज दिया। उधर, कंचन डोंगरे द्वारा इस मामले में पुलिस को निर्दोष बताया जाकर यह कहा जा रहा है कि यह मामला उनकी यहां तैनाती के पूर्व 2011 का है।
इधर, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस संजीव कुमार का कहना है कि इस चेक पर कंचन डोंगरे के हस्ताक्षर तथा सील लगी हुई है, बैंक द्वारा भी इसकी तसदीक कर ही भुगतान किया गया है। पुलिस संभवतः कल कंचन डोंगरे को न्यायालय में पेश कर सकती है।
(साई)
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