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सिवनी। ''पुलिस हिरासत से जेल भेजी गईं जनपद पंचायत सिवनी की मुख्य कार्यपालन अधिकारी कंचन डोंगरे का रक्तचाप बहुत अधिक है, उन्हें कार्डियक प्राब्लम है, इसलिए उन्हें आईसोलेशन वार्ड के स्थान पर गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती करवाया गया है। उनका रक्तचाप 90/140 है।'' उक्ताशय की बात कंचन डोंगरे का परीक्षण करने वाले चिकित्सक डॉ.बांद्रे ने चर्चा के दौरान कही।
ज्ञातव्य है कि विधायक निधि के ब्याज के नौ लाख चालीस हजार रूपए के गबन के आरोप में जनपद पंचायत सिवनी की मुख्य कार्यपालन अधिकारी कंचन डोंगरे को शुक्रवार की शाम कोतवाली पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया था। शनिवार उन्हें न्यायालय में पेश किया गया था, जहां से उनका जेल वारंट कट गया था।
बताया जाता है कि जेल वारंट कटने के साथ ही कंचन डोंगरे का स्वास्थ्य बिगड़ना आरंभ हुआ और उन्हें जिला चिकित्सालय लाया गया। चिकित्सकों ने परीक्षण के उपरांत उन्हें भर्ती होने की सलाह दे डाली। अमूमन विचाराधीन कैदी या सजा याफ्ता कैदियों को आईसोलेशन वार्ड के एक कक्ष में रखा जाता है।
जिला चिकित्सालय के सूत्रों का कहना है कि कंचन डोंगरे को आईसोलेशन के बजाए आईसीसीयू के वातानुकूलित हाल में रखा गया है। उनकी सुरक्षा के लिए दो पुलिस अधिकारी भी तैनात हैं, जो कंचन डोंगरे को दिए जाने वाले भोजन या नाश्ते आदि का परीक्षण कर उन तक पहुंचने दे रहे हैं।
वैसे जनपद पंचायत की सीईओ के आईसोलेशन के बजाए आईसीसीयू में भर्ती होने की बात से शहर की फिजां में अनेक तरह की चर्चाएं तैर गई हैं। कहा जा रहा है कि पूर्व में डॉ.बांद्रे की सेवाएं शहर के एक विवादित अस्पताल को दी जा रही थीं। इसके बाद वे घंसौर चले गए थे, और अब सिवनी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
चर्चाएं यहां तक भी हैं कि अगर जनपद पंचायत की सीईओ कंचन डोंगरे को वाकई कार्डियक प्राब्लम है तो उनका ईसीजी करवाया जाए। साथ ही साथ जिला चिकित्सालय एवं निजी चिकित्सकों के एक दल अथवा मेडिकल बोर्ड से इस बात की पुष्टि की जाए कि वे वाकई बीमार हैं, या फिर जेल जाने के भय से यह स्वांग रच रही हैं।
वहीं दूसरी ओर शहर में एक बात की चर्चा और तेजी से चल रही है। कहा जा रहा है कि कंचन डोंगरे को बचाने के लिए भ्रष्ट सरपंच अब लाम बंद होने जा रहे हैं। ये सारे सरपंच एकजुट होकर किसी भी तरह से कंचन डोंगरे को बचाने की जुगत लगाने वाले हैं। चर्चाओं के अनुसार इनका मानना है कि अगर कंचन डोंगरे जेल जाती हैं और बारीकी से जांच होती है तो इसमें उन सभी भ्रष्ट सरपंचों की गरदन नपना तय ही है। (साई)
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