कंचन डोंगरे को मिली सशर्त जमानत
(अखिलेश दुबे)
सिवनी । जनपद पंचायत सिवनी की मुख्य कार्यपालन अधिकारी कंचन डोंगरे की किस्मत प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री राघवजी से अच्छी कही जा सकती है। राघवजी को आधा दर्जन घोषित बीमारियां डेढ़ दशक से अधिक समय से हैं, पर माननीय न्यायालय द्वारा उन्हें जेल में ही इलाज करवाने की बात कही गई थी, वहीं सिवनी में जेल वारंट कटने के बाद कंचन डोंगरे को एक दिन अस्पताल में रात गुजारने का मौका मिल गया।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश के वित्त मंत्री राघवजी को घोषित तौर पर बीपी, शुगर, माईग्रेन जैसी बीमारियां पिछले डेढ़ दशक से हैं। उन्हें खाना भी उबला ही दिया जाता है। सिवनी में पदस्थ रह चुके माननीय न्यायधीश संजीव कालगांवकर द्वारा दी व्यवस्था में कहा गया था कि उनका ईलाज जेल में ही हो सकता है।
वहीं, जनपद पंचायत सिवनी में विधायक विकासनिधि की राशि 9 लाख 40 हजार रूपये के गबन के आरोप में गिरफ्तार मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती कंचन डोंगरे और लेखाधिकारी बालमुकुंद श्रीवास्तव को प्रथम अपरसत्र न्यायाधीश पी.के. तिवारी ने सशर्त जमानत पर रिहा करने के आदेश किये हैं।
उल्लेखनीय है कि जनपद पंचायत सिवनी से २५ मार्च २०१३ को बालाजी स्टेशनर्स सिवनी के नाम पर एक चौक काटकर ९ लाख ४० हजार रूपये एक्सेस बैंक के माध्यम से निकाल लिये गये थे। इस संबंध में स्वयं मुख्य कार्यपालन अधिकारी कंचन ड़ोगरे ने अपने अधिनस्थ तृतीय श्रेणी कर्मचारी नारायण प्रसाद डहेरिया के विरूद्ध ६ अप्रैल २०१३ को थाना सिवनी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी जिसमें आरोपित था कि उक्त कर्मचारी ने अपने प्रभार में रहते हुये पूर्व में पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री सवीता काम्बले के कार्यकाल का एक चौक अवैध रूप से अपने आधिपत्य में रखकर धोखाधड़ी पूर्वक उक्त राशि का गबन किया है।
सिवनी पुलिस के द्वारा जांच के दौरान शिकायकर्ता वर्तमान मुख्य कार्यपालन अधिकारी कंचन डोंगरे और लेखाधिकारी बालमुकुंद श्रीवास्तव को अभिरक्षा में लेकर इस प्रकरण में प्रथम दृष्टया उनके विरूद्ध अपराध होना पाकर १३ जुलाई को गिरफ्तार कर १४ जुलाई को न्यायालय में प्रस्तुत किया था।
न्यायिक मजिस्टेट ने क्षेत्राधिकार के अभाव में आरोपीगण का जमानत आवेदन निरस्त कर दिया था, और आरोपीगण को न्यायिक अभिरक्षा में सर्किल जेल सिवनी भेजे जाने का आदेश किया था। उसी समय आरोपीगण के अधिवक्तागण ने एक आवेदन प्रस्तुत कर श्रीमती कंचन डोंगरे की सूर्यास्त के बाद गिरफ्तारी को अवैधानिक होना दर्शाते हुये कार्यवाही का अनुरोध किया था जिसपर न्यायालय द्वारा नगर निरीक्षक सिवनी को कारण बताओ नोटिस जारी कर आज को न्यायालय में उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिये थे, इसके अलावा आरोपी मुख्य कार्यपालन अधिकारी के अधिवक्तागण के अनुरोध पर कंचन डोंगरे के चिकित्सीय परीक्षण के भी निर्देश दिये थे। इन निर्देशों के पालन में जिला चिकित्सालय में जांच के बाद दोनों आरोपीगण को उपचार के लिये भर्ती करा दिया गया था।
आज हुये घटनाक्रम में जिला अस्पताल से पुलिस ने दोनों आरोपीगण को चिकित्सक की रिपोर्ट के आधार पर डिस्चार्ज के बाद सर्किल जेल सिवनी पहुंचा दिया था। इस बहुचर्चित प्रकरण में आज आरोपीगण की ओर से जमानत हेतु आवेदन भी प्रस्तुत किये गये थे जिसमें आरोपीगण की अस्वस्थता और पदीय स्थिति के कारण शासकीय सेवा में होने वाले विपरीत प्रभाव से बचने के लिये आरोपीगण के अधिवक्तागण ने आज ही सुनवाई का अनुरोध किया था। सत्र न्यायाधीश ने आरोपीगण की ओर से किये गये इस अनुरोध को स्वीकार करते हुये प्रकरण आज ही सुनवाई में लेकर निराकरण हेतु प्रथम अपरसत्र न्यायाधीश को हस्तांतरित कर दिया था।
आरोपीगण की ओर से दस्तावेजी प्रमाणों सहित तर्क प्रस्तुत करते हुये आरोपीगण को झूठा फसाये जाने का आरोप लगाते हुये उन्हे सक्षम जमानत पर रिहा किये जाने का अनुरोध किया गया था। विद्वान प्रथम अपरसत्र न्यायाधीश ने अपर लोक अभियोजक और आरोपीगण के अधिवक्तागण सर्वश्री जकी अनवर खान, रविंद्र चौधरी, वीरेन्द्र शर्मा के तर्क सुनकर आरोपीगण को सशर्त जमानत की सुविधा देते हुये गबन की बड़ी राशि को देखते हुये शासकीय धन की सुरक्षा की दृष्टि से उनसे क्रमशरू ४ लाख ७० हजार रूपये प्रत्येक आरोपीगण द्वारा जिला पंचायत में सुरक्षानिधी के रूप में जमा करने की शर्त पर ५०-५० हजार रूपये की सक्षम जमानत एवं इतनी ही राशि के व्यक्तिगत मुचलके पर उन्हे रिहा करने के आदेश दिये हैं। इस बीच नगर निरीक्षक ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर कारण बताओ नोटिस का उत्तर भी प्रस्तुत कर दिया है।
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