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भोपाल। मध्यप्रदेश मे डार्क जौन घोषित होने के बाद भी कही अवैध बोरवेल भाजपा के नेताओ और अधिकारियों की मिली भगत से होते रहे। यह अवैध बोरवेल के मामले किसी से छूपे नही वही प्रदेश सरकार आखं बन्द कर सबकुछ देखती रही।अब प्रदेश की जनता को गुमराह करने के लिए प्रदेश में पेयजल व्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार 20 हजार करोड़ का लोन लेगी. सरकार इसके लिए वर्ल्ड बैंक, एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर बैंक, हुडको से लोन के लिए आवेदन करेगी.
पीएचई मंत्री कुसुम महदले ने बताया कि सरकार ने बेकार पड़े हैंडपम्पों को हटाने और 62 हैंडपंप पर एक कर्मचारी को सेवा देने के लिए नियुक्त करने का फैसला लिया है.
पीएचई विभाग ने पेयजल व्यवस्था और काम की क्वॉलिटी के लिए एक ही ठेकेदार को पेजयल व्यवस्था का काम देने और उसका पांच से दस साल तक के मेंटनेंस का जिम्मा सौपने की तैयारी की है.मंत्री के विभाग के खिलाफ भारी नाराजगी कुछ दिनों पहले ही हुई कैबिनेट की बैठक के दौरान मंत्रियों के निशाने पर पीएचई विभाग रहा.
बुंदेलखंड, ग्वालियर-चंबल, मालवा समेत भोपाल के आसपास पेयजल समस्या को लेकर मंत्रियों ने पीएचई विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए.
दरअसल, प्रदेश में गर्मी की दस्तक के साथ ही अब पेयजल समस्या सरकार के लिए मुसीबत बनता जा रहा है. पेजयल समस्या से दो-चार हो रहे लोग अब मंत्रियों पर और मंत्री इसका ठीकरा पीएची विभाग पर फोड रहे है.
शिवराज कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के चार मंत्री गोपाल भार्गव, जयंत मलैया, गौरीशंकर शेजवार और राज्यमंत्री लाल सिंह आर्य ने पेयजल संकट को लेकर पीएचई विभाग के कामकाज पर ही सवाल खड़े कर दिए है.
मंत्रियों के एक सुर में पेयजल समस्या उठाने पर सीएम शिवराज को हस्तक्षेप करना पड़ा. सीएम ने पूरे मामले में पीएची विभाग को बिगड़े हैंडपंप सुधारने, बोरिंग कर नए हैंडपंपो के जरिेए पानी मुहैया कराने, बंद पड़ी नल-जल योजनाओं को शुरु करने के निर्देश जारी किए है. पेयजल मामलों की समीक्षा सीएस अंटोनी डिसा करेंगे.
भोपाल। मध्यप्रदेश मे डार्क जौन घोषित होने के बाद भी कही अवैध बोरवेल भाजपा के नेताओ और अधिकारियों की मिली भगत से होते रहे। यह अवैध बोरवेल के मामले किसी से छूपे नही वही प्रदेश सरकार आखं बन्द कर सबकुछ देखती रही।अब प्रदेश की जनता को गुमराह करने के लिए प्रदेश में पेयजल व्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार 20 हजार करोड़ का लोन लेगी. सरकार इसके लिए वर्ल्ड बैंक, एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर बैंक, हुडको से लोन के लिए आवेदन करेगी.
पीएचई मंत्री कुसुम महदले ने बताया कि सरकार ने बेकार पड़े हैंडपम्पों को हटाने और 62 हैंडपंप पर एक कर्मचारी को सेवा देने के लिए नियुक्त करने का फैसला लिया है.
पीएचई विभाग ने पेयजल व्यवस्था और काम की क्वॉलिटी के लिए एक ही ठेकेदार को पेजयल व्यवस्था का काम देने और उसका पांच से दस साल तक के मेंटनेंस का जिम्मा सौपने की तैयारी की है.मंत्री के विभाग के खिलाफ भारी नाराजगी कुछ दिनों पहले ही हुई कैबिनेट की बैठक के दौरान मंत्रियों के निशाने पर पीएचई विभाग रहा.
बुंदेलखंड, ग्वालियर-चंबल, मालवा समेत भोपाल के आसपास पेयजल समस्या को लेकर मंत्रियों ने पीएचई विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए.
दरअसल, प्रदेश में गर्मी की दस्तक के साथ ही अब पेयजल समस्या सरकार के लिए मुसीबत बनता जा रहा है. पेजयल समस्या से दो-चार हो रहे लोग अब मंत्रियों पर और मंत्री इसका ठीकरा पीएची विभाग पर फोड रहे है.
शिवराज कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के चार मंत्री गोपाल भार्गव, जयंत मलैया, गौरीशंकर शेजवार और राज्यमंत्री लाल सिंह आर्य ने पेयजल संकट को लेकर पीएचई विभाग के कामकाज पर ही सवाल खड़े कर दिए है.
मंत्रियों के एक सुर में पेयजल समस्या उठाने पर सीएम शिवराज को हस्तक्षेप करना पड़ा. सीएम ने पूरे मामले में पीएची विभाग को बिगड़े हैंडपंप सुधारने, बोरिंग कर नए हैंडपंपो के जरिेए पानी मुहैया कराने, बंद पड़ी नल-जल योजनाओं को शुरु करने के निर्देश जारी किए है. पेयजल मामलों की समीक्षा सीएस अंटोनी डिसा करेंगे.