इंफारमेशन एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि उन्होंने अपने विभाग से कहा है कि वे एक स्कीम बनाएं। यह स्कीम ऐसी हो जिसमें महिलाओं को घर से काम करने की छूट हो. इसमें करीब 100 महिलाओं का ग्रुप इकट्ठा होकर एक प्लेटफॉर्म तैयार करें और मिलकर काम करें।
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मोदी सरकार एक धमाकेदार नई स्कीम पर काम कर रही है,इस योजना का सबसे ज्यादा फायदा हाउस वाइफ को होगा. इसके तहत महिलाएं घर बैठकर ही बीपीओ के लिए काम कर सकेंगे. इससे उन्हें पर्सनाल्टी डेवलपमेंट के साथ ही अच्छी आमदनी भी होगी।
जल्द ही सरकार इस योजना हो लाने जा रही है, इस योजना के तहत ऐसे प्लेटफॉर्म डेवलप किए जाएंगे, जिसमें लगभग 100 महिलाएं अपने घरों से ही बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (BPO) में काम करके अच्छी सैलरी ले सकती हैं।सरकार की यह स्कीम परवान चढ़ी तो महिलाओं के करियर के लिए यह अच्छा मौका साबित होगा।
इंफारमेशन एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि उन्होंने अपने विभाग से कहा है कि वे एक स्कीम बनाएं। यह स्कीम ऐसी हो जिसमें महिलाओं को घर से काम करने की छूट हो. इसमें करीब 100 महिलाओं का ग्रुप इकट्ठा होकर एक प्लेटफॉर्म तैयार करें और मिलकर काम करें। उन्होंने यह जानकारी हाल ही में रूरल बीपीओ प्रमोशन स्कीम के एक कार्यक्रम में दी।
क्या है बीपीओ प्रमोशन स्कीम
देश में इंफारमेशन एंड टेक्नोलॉजी (IT) सेक्टर का विकास चुनिंदा शहरों में ही हुआ है. अधिकतर आईटी कंपनियां दिल्ली-नोएडा-गुरुग्राम, मुंबई-पुणे, हैदराबाद, बेंगलुरु-मैसूर और चेन्नई में हैं. इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने साल 2014 में फैसला लिया था कि छोटे शहरों में भी आईटी सेक्टर की नौकरियों के मौके बढ़ाए जाएंगे. इसी की तरह सरकार ने बीपीओ प्रमोशन स्कीम की शुरुआत की है.
सरकार देती है 1 लाख रुपए
सरकार की इस योजना के तहत हर सीट के हिसाब से एक लाख रुपए तक का विशेष प्रोत्साहन दिया जाता है. इन योजनाओं में महिलाओं और दिव्यांगों, युवाओं को रोजगार देने पर फोकस किया जाता है. बीपीओ प्रमोशन स्कीम के तहत 48,300 सीटों और पूर्वोत्तर बीपीओ प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत 5000 सीटें लगाने का लक्ष्य रखा गया है. अब तक 87 कंपनियों की 109 इकाईयों को 18,160 सीटें अलॉट भी की जा चुकी है. ये सीट 19 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों की 60 जगहों में फैली हुई हैं
बीपीओ प्रमोशन स्कीम उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों के अलग-अलग शहरों में शुरू हो चुकी है. इनमें अधिकतर टियर-2 वाले शहर हैं. यूपी के बरेली, कानपुर और वाराणसी, आंध्र प्रदेश के तिरुपति, गुंटुपल्ली, राजमुंदरी, बिहार के पटना और मुजफ्फरपुर, छत्तीसगढ़ के रायपुर, हिमाचल प्रदेश के बद्दी और शिमला, मध्य प्रदेश के सागर, ओडिशा के भुवनेश्वर, कटक और जलेश्वर, तमिलनाडु के कोट्टाकुप्पम, मदुरै, मइलादुथुरई, तिरुचिरापल्ली, तिरुप्पटूर और वेल्लोर, तेलंगाना के करीमनगर, जम्मू और कश्मीर के भदेरवाह, बडगाम, जम्मू, सोपोर और श्रीनगर, महाराष्ट्र के औरंगाबाद, भिवंडी, सांगली और वर्धा में यह योजना शुरू हुई है. पूर्वोत्तर के गुवाहाटी, जोरहाट, कोहिमा, इम्फाल आदि में भी बीपीओ शुरू हो गए हैं.
यहां खुलेंगे BPO
यूपी के मथुरा, बेतालपुर (देवरिया), फर्रुखाबाद, जहानाबाद, गया, चित्तूर, दलसिंहसराय, पठानकोट, अमृतसर, ग्वालियर, रायसेन, श्रृंगेरी, उडुपी, हुबली, बालासोर, कटक, पुरी, रांची, देवघर, वेल्लोर, तिरुपुर में आने वाले दिनों में बीपीओ शुरू किए जाएंगे. पूर्वोत्तर के असम में दीफू, मजूली, कोकराझार और सिलचर, दीमापुर (नागालैंड) और अगरतला (त्रिपुरा) में बीपीओ खुलेंगे.
बीपीओ की तरफ से पहली सर्विस कस्टमर सपोर्ट सर्विसेस के तौर पर दी जाती है. इसमें बीपीओ कर्मचारी वाइस, ई-मेल और चैट के जरिए 24*7 ग्राहकों की शंकाओं का समाधान करते हैं. उदाहरण के लिए जैसे आप किसी मोबाइल कंपनी के कस्टमर केयर में बात करते हैं या किसी उत्पाद या सेवा संबंधी जानकारी करते हैं. दूसरी सर्विस बीपीओ टेक्निकल सपोर्ट सर्विसेस की देते हैं. इस सर्विस में 24 घंटे ओईएम कस्टमर और कंप्यूटर हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, पेरीफेरल और इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों को टेक्निकल सपोर्ट उपलब्ध कराता है.
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