उचेहरा। पहाडी अंचल की अनेक राषन दुकानो में काफी समय से गडबडी की शिकायतें आ रही हैं लेकिन षिकायतों के बाद तो एक बार कई दुकाने निलम्बित कर दी गयी थी लेकिन हालात फिर पहले जैसे हो गये हैं पहाडी के तुषगवां, देवगुना, महाराजपुर सहित अनेक पंचायतों में अंधेर गर्दी मची हुई हैं लिहाजा पहाडी अंचल अंचल के आदिवासियों के साथ न्याय नही हो पा रहा हैं।
सरकार एक तरफ गरीबों को सस्ते दर पर राशन उपलब्ध करा रही है तो दूसरी ओर राशन दुकान में गड़बड़ी मामला सामने आ रहा है दरअसल पहाडी अंचल की अनेक शासकीय उचित मूल्य की दुकान 2 माह से बंद पड़ी है जिससे हितग्राहियों को राशन नहीं मिलने से परेशानी हो रही है हितग्राही राशन लेने पहुंचते तो है लेकिन उन्हें यहां आने के बाद निराशा ही हाथ लगती है दुकान से राशन नहीं मिलने की वजह से ग्रामीणों के घर में दो वक्त की चुल्हा जलना मुश्किल हो जाता है
पिछले चार दिन से ग्रामीण राशन दुकान का चक्कर लगा रहे है दरअसल सालों पहले अनेक पहाडी अंचल की ग्राम पंचायत की राशन दुकान में पदस्थ सेल्समैन के खिलाफ गड़बड़ी की शिकायत की गई थी जिसके बाद जांच में मामला सहीं पाया गया था जिसके बाद एसडीएम के जांच प्रतिवेतन के आधार पर कलेक्टर ने सेल्समैन के खिलाफ एफआईआर करने का निर्देश दिया था लेकिन मिलीभगत कर मामले का फाइल दबा दिया गया था वहीं ग्रामीणों का कहना है कि सेल्समैन अपनी मनमर्जी के अनुसार दुकान खोलता है जिस वजह से राशन दुकान का सिर्फ चक्कर ही काट रहे है
4 गाव के लोग पिछले दो माह से अपनी मजदूरी छोड़ कर देर शाम तक दुकान के आगे बैठे रहते हैं जिससे घर चलाना भी मुश्किल हो रहा है अधिकारियों से बात करने की कोशिश की तो कोई भी जिम्मेदार सामने बोलने को तैयार नहीं है मगर मामले की जांच करने के बाद ही कार्रवाई करने की बात कह रहे है लेकिन अब देखना ये होगा कि अखिर कब तक ऐसा ही रवैया चलता रहेगा और अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से भागते रहेंगे
क्या कहते हैं आदिवासी
तुषगवां की राषन दुकान कभी कभी खुलती हैं कोई दिन और समय निष्चित नही हैं लोग परेषान होते हैं
राम सिंह गोड स्थानीय निवासी तुषगवां देवगुना की दुकान में कम तौल की षिकायत की गयी थी जिसके बाद दुकान दुकान निलंिबत कर दी गयी थी मगर फिर से गडबडी की जा रही है।
सैजान सिंह गोड देवगुना
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