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♦ उचेहरा से रवि शंकर पाठक की रिपोर्ट
उचेहरा। शासकीय विद्यालयों में लंबे समय से शिक्षकों की कमी के कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है साथ ही अतिथि शिक्षक नियुक्त नहीं किए जाने से भी यह समस्या बनी हुई है। ऐसा ही एक मामला उचेहरा जनपद अंतर्गत अनेक ग्राम पंचायत रामपुर पाठा की शासकीय माध्यमिक विद्यालय का है जो एक शिक्षक के भरोसे सचांलित हो रहा है।
जहां छात्रों को सही मायने में शिक्षा नहीं मिल पा रही है। साथ ही बैठने की भी समुचित व्यवस्था नहीं है। वहीं पेयजल और शौचालय की समस्या भी बनी हुई है। पूर्व में संचालित विद्यालय भवन के स्थान पर नए भवन का निर्माण शिक्षा विभाग द्वारा करा दिया गया किंतु सुविधाओं का अभाव अब भी बना हुआ है। वर्ष 2015 में शिक्षा विभाग द्वारा अधूरे बने नवीन माध्यमिक शाला भवन का कार्य पूर्ण कराया गया था जिसके बाद सीपेज की समस्या दूर हो गई थी किंतु एक वर्ष बाद पुन नवीन भवन में भी सीपेज की समस्या शुरू हो गई।
जिस वजह से टांट पट्टी में बैठने वाले छात्रों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। बताया गया विद्यालय भवन के लिए वर्ष 2017 में 10 लाख की लागत से विद्यालय भवन का निर्माण ग्राम पंचायत द्वारा कराया जा रहा था जहां गांव के पूर्व सरपंच द्वारा राशि आहरण के बाद विद्यालय भवन को अधूरा छोड़ दिया गया था जिसके बाद शिक्षा विभाग द्वारा पुन भवन मरम्मत के लिए 2 लाख रुपए की राशि से अधूरे निर्माण को पूरा कराया गया जहां एक वर्ष बाद सीपेज की समस्या फिर से शुरू हो गई है।
माध्यमिक विद्यालय में एक शिक्षक की तैनाती की गई है जहां विद्यालय में 42 छात्र अध्ययनरत हैं जिनमें से अधिकांश अनुसूचित जाति वर्ग के छात्र शामिल हैं। विद्यालय में एक मात्र शिक्षक पदस्थ किया गया है जिनके पास प्रधानाध्यापक पद का भी कार्यभार है। जिन्हे अन्य विभागीय कार्य के लिए कभी .कभी जाना पड़ता है। ऐसे में एक शिक्षक के द्वारा तीन कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा इस बात की जानकारी विभागीय अधिकारी को दी गई साथ ही अतिथि शिक्षकों की मांग भी की जा रही है किंतु अतिथि शिक्षकों भी नियुक्ति नहीं की गई।
विद्यालयों में शौचालय आवश्यक है साथ ही स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर विद्यालयों में शौचालय की व्यवस्था की जा रही है किंतु रामपुर पाठा माध्यमिक विद्यालय में शौचालय न होने से विद्यार्थियों को पास ही स्थित नाले में शौच के लिए जाना पड़ता है। विदित हो पूर्व में एसईसीएल द्वारा एक शौचालय का निर्माण कराया गया था किंतु रख.रखाव व पानी के अभाव में शौचालय उपयोग विहीन हो चुका है साथ ही विद्यालय में पेयजल की भी समस्या बनी हुई है।
जहां एक हैण्डपंप से घंटो इंतजार के बाद पानी निकलता है जिससे विद्यार्थी अपनी प्यास बुझाते हैं। विद्यालय परिसर में छात्रों के लिए बाउंड्रीवाल की व्यवस्था अब तक शिक्षा विभाग द्वारा नहीं की गई है। जिस वजह से विद्यार्थियों को विद्यालय परिसर से बाहर आने पर भय बना रहता है।
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