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उचेहरा से रवि शंकर पाठक की रिपोर्ट
उचेहरा। 26 अगस्त को मनाये जाने वाले रक्षा बंधन के पर्व को लेकर बाजार सज गया है। रक्षाबंधन के त्यौहार के लिये सजे बाजार में चीन और स्टोन की राखियां आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। रक्षाबंधन का पर्व ज्यों.ज्यों नजदीक आ रहा है तमाम बहनों ने बाहर रहने वाले अपने भाईयों को अभी से राखियां भेजना आरंभ कर दिया है।
भाई.बहनों के अटूट संबंधों का प्रतीक रक्षाबंधन के पर्व के लिये राखी की दुकानें सज गयी हैं। राखी का त्यौहार 26 अगस्त को है। बाजारों में हर तरफ रंग बिरंगी राखियों से सजी दुकानें नजर आने लगीं हैं। राखी के पर्व के लिये कपड़ेए मिठाई और ड्राईफूड से लेकर गिफ्ट आईटम बेचने वालों की दुकानों पर भी रौनक दिखायी दे रही है। इस पर्व को लेकर भाई और बहनों में खासा उत्साह रहता है।
पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष राखी के दामों में लगभग 10 से 15 फीसदी का इजाफा देखा जा रहा है। रक्षाबंधन पर्व को लेकर तैयारियां जोर पकड़ रही हैं। राखी के त्यौहार के लिये सजे बाजार में इस बार जहाँ बच्चों के लिये कार्टून वाली राखी हैं तो वहीं युवाओं के लिये ओम रुद्राक्ष वाली राखियां मौजूद हैं। उच्च वर्गीय लोगों के लिये बाजार में सोने और चाँदी की सुंदर कलात्मक राखियां भी उपलब्ध हैं।
किशोरियांए युवतियां और महिलाओं ने राखियों की खरीददारी आरंभ कर दी है। इस पर्व को लेकर नगर से लेकर ग्रामीण अंचल तक राखी की दुकानें सज गयी हैं। राखी व्यवसायियों के अनुसार इस बार बाजार में चीन निर्मित फ्लोरा सोफिया और रिया के अलावा ओमश्री अशोक चक्र सहेली जलाशीष व संगम मार्का राखियों की खासी माँग हो रही है। इन दुकानों पर अपनी मनपसंद की राखियों की खरीददारी करने के लिये दुकानों पर लोगों की भीड़ लगनी आरंभ हो गयी है।
वैसे इस बार बाजार में चीनी राखियां कुछ कम ही नजर आ रही हैं। दुकानदार मुन्ना घोष ने बताया कि इस बार धागे से बनी राखियां लोगों को लुभा रही हैं। चीनी राखियों में बच्चों के लिये बनी राखियां मौजूद हैं। हाथ से राखी बनाने वाले रमेष कचेर ने बताया कि हाथ से बनने वाली राखी आज से चार पाँच साल पहले तक तो खूब बिकती थी लेकिन जबसे राखी के बाजार पर चीन का हमला हुआ है तब से देशी राखियों की माँग नहीं रह गयी है। इस बार रक्षा बंधन पर्व पर बाजार में सोने और चाँदी की नग जड़ित राखियों की भी खूब बिक्री हो रही है।
ये राखियां चार हजार से लेकर उपलब्ध हैं मगर इनकी खरीद के लिये किसी सराफा की दुकान में जाना पड़ेगा। इस बार रक्षाबंधन के पर्व पर बहनों द्वारा ऑर्डर देकर खास तौर से अपने भाई के नाम वाली चाँदी की राखियों की भी खूब तैयारी करवायी जा रही है। फोटो स्टूडियो चलाने वाले सैफ अली का कहना है कि राखियों के लिये बहनें भाई की फोटो प्रिंट करा रही हैं। ऐसी ही एक राखी खरीदकर जा रहीं वैशाली दशमेर का कहना था कि वे इस पवित्र पर्व पर अपने भाई को ऐसी राखी बाँधना चाहतीं हैं जो उसे हमेशा उनकी याद दिलाये।
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