सीसीएफ ने वन क्षेत्रों का दौरा कर लिया भौगोलिक स्थिति का जायजा, वन्य प्राणियों का संरक्षण व अवैध कटाई को रोकने के दिए निर्देश |
ब्यूरो चीफ बालाघाट // वीरेंद्र श्रीवास : 83196 08778
बालाघाट. मुख्य वन संरक्षक एन.एस. सनोडिया ने उत्तर सामान्य वन परिक्षेत्र लामता के वन क्षेत्रों का दौरा कर वहां की भौगोलिक स्थितियों का जायजा लिया और अधीनस्थ अधिकारियों को वनों का संरक्षण करने व वन्य प्राणियों के सुरक्षा करने के निर्देश दिए है।
उन्होंने पौधरोपण करने व उनकी सुरक्षा को बढ़ावा देते हुए स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया कराने के भी निर्देश दिए हैं। मुख्य वन संरक्षक बालाघाट एन.एस.सनोडिया का वन क्षेत्रों का निरतंर दौरा कार्यक्रम हो रहा हैं। इसी के चलते उत्तर सामान्य वन परिक्षेत्र लामता का उन्होंने दौरा किया। इस दौरान उन्होंने वन क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति का जायजा लिया और बारिकी से वन क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति का जायजा लेते हुए बारिश के पूर्व क्षेत्रों के वन एवं वन्य प्राणियों को नुकसान पहुंचाने वाली संभावनाओं का चिन्हांकन कर उसकी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए। जैसे कि वृक्षारोपण, पगडंडियों, जल स्रोतों पर विशेष निगरानी के निर्देश दिए गए हैं।
सीसीएफ श्री सनोडिया ने पौधरोपण व तार फेंसिंग जैसे कार्यों को कराने के दौरान स्थानीय बेरोजगार युवकों को कार्य पर लेने के लिए भी कहा गया है । जिससे वनों की कटाई को रोकी जा सके और वृक्षों का संरक्षण भी हो सके। उन्होंने बाहर से आए मवेशियों एवं दहियानो से रोपित किए गए पौधों को बचाने के भी निर्देश दिए हैं । उन्होंने कहा कि असल में बारिश में रोजगार के अभाव में वन्य प्राणियों के शिकार की संभावना बढ़ जाती है। जिसके चलते वन्य प्राणियों के शिकार की घटनाएं भी सामने आती है। पूर्व में कुछ ऐसे वन सीमा में विद्युत तार बिछाने की घटनाएं शिकार की दृष्टि से हुई है। ऐसी घटनाओं व संभावनाओं को देखते हुए सतर्कता बरतने के निर्देश मुख्य वन संरक्षक श्री सनोडिया द्वारा अधिनस्थ अमला वन परिक्षेत्र अधिकारी एन. के ककोडिया सहित अन्य को दिए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि उत्तर सामान्य वन परिक्षेत्र लामता बांस उत्पादन और वन्य प्राणियों के बाहुल्य क्षेत्रों में शामिल है । चूंकि मध्य प्रदेश में पिछले वर्षों में बासों के उत्पादन में कमी आई है। लेकिन उत्तर सामान्य वन परिक्षेत्र लामता में इन 5 वर्षों में बांस के उत्पादन की स्थिति बरकरार है । जैसे कि वर्ष 2015-16 में इस क्षेत्र में 1362 नोशनल टन बांस का उत्पादन हुआ है ।
इसी तरह वर्ष 2016-17 में 2321 नोशनल टन 2017-18 में 1717 नोशनल टन साल 2018-19 में 1062 नोशनल टन और 2019-20 में 1334 नोशनल टन उत्पादन इस परिक्षेत्र में हुआ है और यह एक तरह से रिकॉर्ड ही कहा जा सकता है । इसी तरह से यहां पर बांस के अतिरिक्त वन्य प्राणियों के बाहुल्य क्षेत्र भी है। इस वजह से लामता परसवाड़ा के बीच में स्थित काला पानी में इको पर्यटन बोर्ड की ओर से मनोरंजन स्थल के विकास कार्य प्रस्तावित है। अगर यह कार्य होता है तो निश्चित ही क्षेत्र की वन समिति के शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार मिलने की प्रबल संभावना है ।
यही वजह है कि मुख्य वन संरक्षक सी.सी.एफ. श्री सनोडिया ने पौध रोपण और तार फेसिंग जैसे कार्य को कराने के दौरान स्थानीय बेरोजगार युवकों को कार्य पर लेने के लिए भी कहा गया है। इसी सभावनाओ को देखते हुए उनके द्वारा दौरा किया गया है। इस अवसर पर अधिनस्थ अमला में वन मंडलाधिकारी ब्रजेश श्रीवास्तव, नवागत आईएफ़एस मोहम्मद माज. उपवन मडलाधिकारी बी.एस. भगत सहित रेंज अधकारी एन के ककोडिया. रितेश उइके, इमरान कुरेशी. पंकज शर्मा नवागत नितिन पवार उपिस्थत रहे।
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