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पुलिस की लचर कार्यप्रणाली से शहर में चोर उचक्कें ज्यादा तर सभी सक्रिय हो चुके है। क्योकि उठाईगीर चोर उचक्के पुलिस की लचर कार्यप्रणाली का फायदा उठाकर भीड़ भरे इलाके एव बैक जैसी जगह को निशाना बनाना चालू कर दिया है। तथा पुलिस के रोजनामचे में हर दिन चोरी का प्रकरण दर्ज होता है। परन्तु कभी भी चोर जल्दी नहीं पकड़ा जाता है। और पुलिस की डायरी में एक ओर प्रकरण बढ़ जाता है। इसी प्रकार का एक मामला मैन ब्रॉच स्टेट बैक कचहरी चौराहा का है। जहॉ चौबीस घंटे चहल पहल बनी रहती है।
फिर स्टेट बैक के अन्दर से जब उपभोक्ता 11बजे चालान की रकम निकालने एॅव चालान की रकम जमा करना था। तभी पहले से घात लगाकर बैठें चोर जैसे ही उपभोक्ता प्रकाश पिता एस.पी. बैनर्जो साठ हजार रूप्ये की रकम बैक से निकालकर जैसे दूसरें काऊन्टर में चालान की रकम जमा करनें के लिए गया उसी दौरान अज्ञात शातिर चोर ने अपनी कला दिखातें हुये बैग में रखे 60000 रूपये की रकम पार कर दिया जब तक उपभोक्ता को इसकी खबर लगी तब तक चोर चोरी करके वहॉ से निकल चुका था।
उसके बाद उपभोक्ता प्रकाश बैनर्जो तुरन्त बैक के मैनेजर के पास शिकायत करने पहुचे तो मैनेजर ने भी छोटा सा जवाब देकर वापस कर दिया। उसके बाद उपभोक्ता ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई पुलिस ने उपभोक्ता के कथन अनुसार अज्ञात व्यक्ति पर घारा 377 के तहत मामला दर्जकर लिया। एव जॉच शुरू कर दिया है। सोचने की बात तो यह की बैक के परिसर में सी.सी.टी कैमरे लगे हुये है यह बात समझ के परे है कि अन्दर काफी मात्रा में सी.सी.टी कैमरे लगे हुये है। फिर चोर बैक के अन्दर अगर चोरी करता है तो कैमरे के रिकार्डिग से तो तुरन्त पकड़ में आ जाना चाहिए था। क्योकि बैक में लगे कैमरे चौबीस घंटे चालू रहते है फिर चोर पकड़ा क्यो नही गया।
फिर कैसे काऊन्टर के कैमरे बंद कर दिये गये थे
बैंक मैनेजर ने कहा
जब उपभोक्ता इसकी शिकायत करने गया तो मैनेजर ने कहा हमारा कैमरा टेक्नीशयन कल आयेगा तो मे कल ही चैक करा पाऊॅगा। उपभोक्ता के कथन जब मैने बैंक मैनेजर से बैंक में लगे सी.सी.टी कैमरे मे देख लिया जाये तो चोर पकड़ मे आ जायेगा, मगर मैनेजर ने टेक्नीशयन न होने का बहाना बता कर चलता कर दिया। पर उपभोक्ता ने अपना खुद का टेक्नीशयन बुलाकर जब कैमरा रिकार्डिग चैक किया तो उसमे भी पता नही चला की आखिर चोरी किसने की इससें साफ जाहिर होता है कि या तो काऊन्टर वाला कैमरा बंद था या फिर खराब था।
फिर स्टेट बैक के अन्दर से जब उपभोक्ता 11बजे चालान की रकम निकालने एॅव चालान की रकम जमा करना था। तभी पहले से घात लगाकर बैठें चोर जैसे ही उपभोक्ता प्रकाश पिता एस.पी. बैनर्जो साठ हजार रूप्ये की रकम बैक से निकालकर जैसे दूसरें काऊन्टर में चालान की रकम जमा करनें के लिए गया उसी दौरान अज्ञात शातिर चोर ने अपनी कला दिखातें हुये बैग में रखे 60000 रूपये की रकम पार कर दिया जब तक उपभोक्ता को इसकी खबर लगी तब तक चोर चोरी करके वहॉ से निकल चुका था।
उसके बाद उपभोक्ता प्रकाश बैनर्जो तुरन्त बैक के मैनेजर के पास शिकायत करने पहुचे तो मैनेजर ने भी छोटा सा जवाब देकर वापस कर दिया। उसके बाद उपभोक्ता ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई पुलिस ने उपभोक्ता के कथन अनुसार अज्ञात व्यक्ति पर घारा 377 के तहत मामला दर्जकर लिया। एव जॉच शुरू कर दिया है। सोचने की बात तो यह की बैक के परिसर में सी.सी.टी कैमरे लगे हुये है यह बात समझ के परे है कि अन्दर काफी मात्रा में सी.सी.टी कैमरे लगे हुये है। फिर चोर बैक के अन्दर अगर चोरी करता है तो कैमरे के रिकार्डिग से तो तुरन्त पकड़ में आ जाना चाहिए था। क्योकि बैक में लगे कैमरे चौबीस घंटे चालू रहते है फिर चोर पकड़ा क्यो नही गया।
1. क्या बैक परिसर के कैमरे बंद थें
2. क्या कैमरे के मूविंग बंद कर दी गई थी या फिर कैसे काऊन्टर के कैमरे बंद कर दिये गये थे
बैंक मैनेजर ने कहा
जब उपभोक्ता इसकी शिकायत करने गया तो मैनेजर ने कहा हमारा कैमरा टेक्नीशयन कल आयेगा तो मे कल ही चैक करा पाऊॅगा। उपभोक्ता के कथन जब मैने बैंक मैनेजर से बैंक में लगे सी.सी.टी कैमरे मे देख लिया जाये तो चोर पकड़ मे आ जायेगा, मगर मैनेजर ने टेक्नीशयन न होने का बहाना बता कर चलता कर दिया। पर उपभोक्ता ने अपना खुद का टेक्नीशयन बुलाकर जब कैमरा रिकार्डिग चैक किया तो उसमे भी पता नही चला की आखिर चोरी किसने की इससें साफ जाहिर होता है कि या तो काऊन्टर वाला कैमरा बंद था या फिर खराब था।
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