चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के 11 संभावित प्रत्याशियों के
खिलाफ आईपीसी की धारा 171-बी के तहत घूसखोरी का मामला दर्ज करने का आदेश
दिया है।
इन लोगों को एक टीवी चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में कंपनियों से पैसों के लेन-देन की बात करते हुए दिखाया गया था। आयोग के निर्देश पर संबंधित जिला प्रशासनों ने इन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। उन्हें रविवार को इस संबंध में कार्रवाई की रिपोर्ट सौंपनी है।
आयोग के मुताबिक स्टिंग ऑपरेशन में यह दिखाया गया है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के संभावित प्रत्याशियों ने यह स्वीकार किया है कि वे चुनाव प्रचार पर करोड़ों रुपये खर्च करते हैं। ये लोग कॉरपोरेट घरानों को भरोसा दिलाते नजर आए कि अगर वे उन्हें चंदे के रूप में चुनाव खर्च मुहैया कराएंगे तो वे उन्हें अवांछित लाभ दिलाएंगे।
इसके लिए वे समान विचारधारा वाले विधायकों का समूह बनाने की भी कोशिश करेंगे। आयोग ने कहा है कि आईपीसी की धारा 171-बी के तहत यह प्रकरण किसी भी चुनाव में घूसखोरी का अपराध बनता है। उसने सरकार से कानून में संशोधन कर इस तरह की घूसखोरी को संज्ञेय अपराध बनाने की मांग भी की है।
मालूम हो कि जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं, उनमें सपा, कांग्रेस, बसपा, जद(यू), भाजपा, रालोद और पीस पार्टी के प्रत्याशी शामिल हैं। पार्टियां इन्हें अपना प्रत्याशी घोषित कर चुकी हैं। हालांकि इन लोगों ने अभी पर्चा नहीं भरा है।
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