मध्यप्रदेश की पत्रकारिता के काले अध्याय का अंत नजदीक
विनोद तिवारी |
विनोद तिवारी बनेंगे अध्यक्ष, पत्रकारों की चुनौती के आगे भाग खड़ा हुआ शलभ भदौरिया
भोपाल// आलोक सिंघई
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17 जनवरी .ईटीवी मध्यप्रदेश के
स्टेट ब्यूरो हेड विनोद तिवारी राजधानी के पत्रकार भवन समिति के नए
अध्यक्ष बनने जा रहे हैं. लगभग दो दशकों से मध्यप्रदेश की पत्रकारिता को
लांछित करने वाले शलभ भदौरिया ने संभावित हार को देखते हुए श्री तिवारी को
अपना समर्थन दे दिया है.इसके साथ ही विनोद तिवारी की जीत सुनिश्चित हो गई
है.पत्रकार भवन समिति के ये चुनाव आगामी दो फरवरी को प्रस्तावित
हैं.हालांकि इस भवन की स्वामित्वधारी आईएफडब्लयूजे की मध्यप्रदेश इकाई ने
इस चुनाव को चुनौती देने की तैयारियां भी कर ली हैं.
शलभ भदौरिया |
भोपाल एसडीएम जीपी माली को जिला प्रशासन की ओर से ये
चुनाव संपन्न कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद
मध्यप्रदेश शासन के वाणिज्य उद्योग और रोजगार विभाग ने कलेक्टर भोपाल की ओर
से नामांकित अधिकारी को भवन का प्रशासक नियुक्त किया था. कल नाम वापिसी की
आखिरी तारीख है जिसके बाद भवन समिति के चुनाव दो फरवरी को कराए जाने हैं.
आज एक नाटकीय घटनाक्रम में शलभ भदौरिया ने एसडीएम
कार्यालय में श्री विनोद तिवारी के पक्ष में प्रस्तावक के रूप में अपना
पर्चा दाखिल किया जिससे पूरे चुनाव की तस्वीर साफ हो गई. इसके पहले श्री
तिवारी के पक्ष में वरिष्ठ पत्रकार चंद्रहास शुक्ल ने प्रस्तावक के रूप में
नामांकन दाखिल किया था.
पत्रकार भवन समिति के इस चुनाव में शलभ भदौरिया के पीठ
दिखा देने से राजधानी के पत्रकारों में हर्ष की लहर दौड़ गई है. लगभग
पच्चीस सालों से इस भवन को स्वार्थपूर्ण राजनीति का अड्डा बनाने वाले शलभ
भदौरिया और उसके साथियों की इस हार से नई पीढ़ी के पत्रकारों के बीच आशा
जगी है कि ये भवन अब पहले की ही तरह पत्रकारिता की गतिविधियों का केन्द्र
बन जाएगा.
शलभ भदौरिया को पीठ दिखाने की स्थितियां बनाने में
महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पत्रकार अवधेश भार्गव ने कहा कि ये
पत्रकारों की एकता की जीत है और इसे भविष्य में भी कायम रखा जाना चाहिए.
उम्मीद है कि भविष्य के पदाधिकारी ध्यान रखें कि चाहे कोई भी हो वह
पत्रकारों की अस्मिता से खिलवाड़ न कर सके.भवन समिति में नामांकित होने
वाले पदाधिकारी भी इस तरह के हों जो पत्रकारों की गतिविधियों को अपना सहयोग
प्रदान करें.
उधर इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के
प्रदेश अध्यक्ष जयंत वर्मा ने कहा है कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पत्रकार
भवन समिति के संविधान के आधार पर चुनाव करवाने के निर्दश दिए थे. जिसके
मुताबिक आईएफडब्ल्यूजे की भोपाल इकाई की ओर से प्रस्तुत सूची पर चुनाव कराए
जाने चाहिए थे. बाकायदा समय पर आपत्ति लगाए जाने के बावजूद जिला प्रशासन
ने एक अवैधानिक संगठन को याचिका कर्ता मानकर उसकी सूची पर चुनाव करवाने की
पहल करके माननीय उच्च न्यायालय की अवमानना कर दी है.माननीय सुप्रीम कोर्ट
के निर्देश के अनुसार इस चुनाव प्रक्रिया को रोका नहीं जा सकता लेकिन कानून
की कसौटी पर ये चुनाव पूरी तरह गैरकानूनी कहा जाएगा.
पत्रकार भवन समिति का दारोमदार संभालने जा रहे श्री
विनोद तिवारी ने कहा कि ये राजधानी के पत्रकारों की जीत का पहला पड़ाव
है.उन्होंने कहा कि पत्रकार भवन समिति ही राजधानी के पत्रकार भवन की असली
मालिक है और जिला प्रशासन से प्रभार प्राप्त होने के बाद पत्रकार भवन की
गतिविधियों का संचालन पहले से बेहतर ढंग से किया जाएगा. उन्होंने कहा कि
भवन समिति की ओर से एक छानबीन समिति बनाई जाएगी जो पत्रकारिता के पेशे से
जुड़े वाजिब लोगों को व्यक्तिगत द्वेष के बजाए मेरिट के आधार पर समिति में
शामिल करेगी. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति पर किसी का कब्जा नहीं हो
सकता और एसे किसी मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा. उन्होने कहा कि
इतने लंबे विवाद के बाद पत्रकार भवन जर्जर स्थिति में पहुंच गया है इसलिए
सबसे पहले उसका रखरखाव ठीक ढंग से कराया जाएगा.
आईएफडब्ल्यूजे की मध्यप्रदेश इकाई से मिलते जुलते नाम
वाले वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन मध्यप्रदेश के अध्यक्ष राधावल्लभ शारदा ने
कहा कि मौजूदा हालात से पत्रकारों में उल्लास है. उन्होंने कहा कि
पत्रकारों के खिलाफ षड़यंत्र करने वाले शलभ भदौरिया के खिलाफ आर्थिक अपराध
अन्वेषण ब्यूरो में मुकदमा पंजीकृत है. पत्रकार भवन बचाओ संघर्ष समिति अब
नई समिति के माध्यम से उस घोटाले की जांच कराएगी. इस घोटाले में शलभ
भदौरिया के साथ हंसराज शर्मा और अक्षय मुदगल भी शामिल थे.
वरिष्ठ पत्रकार दिनेश वर्मा ने कहा है कि बरसों बाद
पत्रकार भवन का दारोमदार साफ सुथरे हाथों में जाने का मार्ग प्रशस्त हुआ
है.वरिष्ठ पत्रकार ओपी हयारण ने कहा है कि बरसों से चली आ रही स्थितियों को
बदलने के लिए पत्रकारों ने मिलजुलकर शलभ भदौरिया को हटाने का जो फैसला
लिया उसके कारण ही शलभ को मैदान से हटने पर मजबूर होना पड़ा है. वैसे भी
समिति के नियमों के अनुसार कोई भी सदस्य दो बार से ज्यादा समय तक अध्यक्ष
नहीं रह सकता है.
समिति के उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी एनपी अग्रवाल ने
कहा कि पत्रकारों को दमघोंटू वातावरण से निजात दिलाने के लिए ये फैसला लिया
गया है.कोषाध्यक्ष पद के प्रत्याशी श्री अख्तर ईरानी ने कहा कि पत्रकार
भवन वास्तविक पत्रकारों से आबाद हो इसके लिए सभी पत्रकारों ने मिलकर ये
फार्मूला निकाला है. उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में पत्रकार भवन सूचना
गतिविधियों का केन्द्र बनेगा. वरिष्ठ पत्रकार श्री राजेन्द्र कश्यप ने कहा
कि पत्रकार भवन की शान लौटाने के लिए किए जा रहे प्रयासों से तमाम
पत्रकारों के बीच उत्साह का माहौल बन गया है. पत्रकार दीपक शर्मा,
मध्यप्रदेश प्रेस क्लब के अध्यक्ष नितिन वर्मा, अजय तिवारी आदि ने पत्रकार
भवन से सुधारों की दिशा में चलाए जा रहे इस अभियान पर खुशी जताई है.
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