हरदा. मध्य प्रदेश के हरदा में सामूहिक बलात्कार की शिकार युवती का
एमएमएस भी प्रचारित किया गया। इससे बुरी तरह टूट चुकी युवती ने खुदकुशी कर
ली। महज सोलह साल की युवती को सामूहिक बलात्कार का शिकार बनाया गया। इस
दौरान उसका एमएमएस भी बनाया गया। इससे बुरी तरह परेशान नाबालिग लड़की ने
मिट्टी का तेल डालकर खुदकुशी कर ली।
परिवार का दावा है कि यही एमएमएस उनकी बेटी की मौत का सबब बना है। पहले लड़की को खुदकुशी के लिए उकसाने का दो लड़कों केस दर्ज किया गया था। इन दो लड़कों पर लड़की से छेड़छाड़ और जान से मारने की धमकी देने का भी आरोप लगा था। गौरतलब है कि छात्रा पायल सेन ने 14 दिसंबर को आग लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
खबरों के मुताबिक पायल ने केवल छेडख़ानी से त्रस्त होकर आत्मदाह नहीं किया था, बल्कि उसके साथ पहले गैंगरेप किया गया और बलात्कारियों ने इसका वीडियो भी बनाया। इस वीडियो क्लिपिंग को नेट पर डालने की धमकी देकर बलात्कारी उसे ब्लैकमेल करते रहे और घटना के दिन भी आरोपियों ने इसी संबंध में हां या ना में जवाब मांगा था। आशंका यह है कि घटना से कुछ दिनों पहले ही पायल के साथ सामूहिक दुष्कृत्य किया गया था।
गैंगरेप ने ली जान
पायल के पिता किसनलाल सेन ने एसपी से की शिकायत में कहा है कि आरोपी अरुण और राहुल तथा उनके साथियों ने पायल के साथ गैंगरेप किया और वीडियो भी बनाया। वीडियो क्लिपिंग को इंटरनेट पर डाल दिया गया। मेरी पुत्री ने इससे क्षुब्ध होकर ही आत्महत्या की है। वेबसाइट पर वीडियो क्लिपिंग की जांच कर आरोपियों पर गैंगरेप और अश्लील तस्वीरें कैमरे में कैद करने की धाराएं भी दर्ज की जाएं।
एम एम एस 2.53 मिनिट का -: कई दिनों से चलती चर्चाओं की पुष्टि हो गई जब पायल का एमएमएस बाजार में आ गया। मोबाइल और नेट पर वीडियो क्लिपिंग की बात पायल के परिजनों तक भी पहुंची। पायल के पिता किसनलाल सेन ने पुलिस अधीक्षक से इस बात की शिकायत की।चेहरा नजर आ रहा है- युवती का और एक युवक का, मगर वीडियो क्वालिटी घटिया होने से चेहरे अस्पष्ट हैं।
कान में पहने गए टाप्स पायल के ही हैं, पायल की फोटो से नाक की बनावट और चौड़ी भवें से पायल की पहचान हो रही है।एम एम एस बाजार में आने से पुलिस सक्रिय हो गई है। जिन दुकानों या मोबाइल पर ये क्लिपिंग मिलेंगी उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।खुलासे ने नया मोड़ दे दिया है। पायल की मौत के बाद बाजार में उसके नाम से आम हुए एमएमएस को पुलिस ने सिरे से खारिज कर दिया है।
पुलिस ने कहा है कि यह एमएमएस पायल का नहीं बल्कि मंडला में हुए एक गैंगरेप का है, जिसके 6 में से 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस खुलासे के बाद यह तस्वीर सामने आ रही है कि पायल के आत्मदाह के बाद भी उसे बदनाम करने की साजिश की गई है। वह चली गई लेकिन बदनामी ने उसका पीछा नहीं छोड़ा। हालांकि पायल के परिजन अभी भी यही कह रहे हैं कि यह एमएमएस पायल का ही है। लेकिन पुलिस मानने को तैयार नहीं। फिर भी सीडी और मोबाइल कार्ड को विशेषज्ञ जांच के लिए हैदराबाद भेजा जा रहा है।
पायल का ही एमएमएस
पुलिस के नकारने के बावजूद पायल के मामा दिनेश वर्मा का कहना है कि पीड़ा और रोने के कारण अच्छे खासे चेहरे भी बिगड़ जाते हैं। फिर पायल की भंवे, कानों के बाले, बाल और कपड़े उसकी पहचान बता रहे हैं।
परिवार का दावा है कि यही एमएमएस उनकी बेटी की मौत का सबब बना है। पहले लड़की को खुदकुशी के लिए उकसाने का दो लड़कों केस दर्ज किया गया था। इन दो लड़कों पर लड़की से छेड़छाड़ और जान से मारने की धमकी देने का भी आरोप लगा था। गौरतलब है कि छात्रा पायल सेन ने 14 दिसंबर को आग लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
खबरों के मुताबिक पायल ने केवल छेडख़ानी से त्रस्त होकर आत्मदाह नहीं किया था, बल्कि उसके साथ पहले गैंगरेप किया गया और बलात्कारियों ने इसका वीडियो भी बनाया। इस वीडियो क्लिपिंग को नेट पर डालने की धमकी देकर बलात्कारी उसे ब्लैकमेल करते रहे और घटना के दिन भी आरोपियों ने इसी संबंध में हां या ना में जवाब मांगा था। आशंका यह है कि घटना से कुछ दिनों पहले ही पायल के साथ सामूहिक दुष्कृत्य किया गया था।
गैंगरेप ने ली जान
पायल के पिता किसनलाल सेन ने एसपी से की शिकायत में कहा है कि आरोपी अरुण और राहुल तथा उनके साथियों ने पायल के साथ गैंगरेप किया और वीडियो भी बनाया। वीडियो क्लिपिंग को इंटरनेट पर डाल दिया गया। मेरी पुत्री ने इससे क्षुब्ध होकर ही आत्महत्या की है। वेबसाइट पर वीडियो क्लिपिंग की जांच कर आरोपियों पर गैंगरेप और अश्लील तस्वीरें कैमरे में कैद करने की धाराएं भी दर्ज की जाएं।
एम एम एस 2.53 मिनिट का -: कई दिनों से चलती चर्चाओं की पुष्टि हो गई जब पायल का एमएमएस बाजार में आ गया। मोबाइल और नेट पर वीडियो क्लिपिंग की बात पायल के परिजनों तक भी पहुंची। पायल के पिता किसनलाल सेन ने पुलिस अधीक्षक से इस बात की शिकायत की।चेहरा नजर आ रहा है- युवती का और एक युवक का, मगर वीडियो क्वालिटी घटिया होने से चेहरे अस्पष्ट हैं।
कान में पहने गए टाप्स पायल के ही हैं, पायल की फोटो से नाक की बनावट और चौड़ी भवें से पायल की पहचान हो रही है।एम एम एस बाजार में आने से पुलिस सक्रिय हो गई है। जिन दुकानों या मोबाइल पर ये क्लिपिंग मिलेंगी उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।खुलासे ने नया मोड़ दे दिया है। पायल की मौत के बाद बाजार में उसके नाम से आम हुए एमएमएस को पुलिस ने सिरे से खारिज कर दिया है।
पुलिस ने कहा है कि यह एमएमएस पायल का नहीं बल्कि मंडला में हुए एक गैंगरेप का है, जिसके 6 में से 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस खुलासे के बाद यह तस्वीर सामने आ रही है कि पायल के आत्मदाह के बाद भी उसे बदनाम करने की साजिश की गई है। वह चली गई लेकिन बदनामी ने उसका पीछा नहीं छोड़ा। हालांकि पायल के परिजन अभी भी यही कह रहे हैं कि यह एमएमएस पायल का ही है। लेकिन पुलिस मानने को तैयार नहीं। फिर भी सीडी और मोबाइल कार्ड को विशेषज्ञ जांच के लिए हैदराबाद भेजा जा रहा है।
पायल का ही एमएमएस
पुलिस के नकारने के बावजूद पायल के मामा दिनेश वर्मा का कहना है कि पीड़ा और रोने के कारण अच्छे खासे चेहरे भी बिगड़ जाते हैं। फिर पायल की भंवे, कानों के बाले, बाल और कपड़े उसकी पहचान बता रहे हैं।
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