ब्यूरो प्रमुख // मनीष साहू ‘बन्टी’ (नरसिंहपुर //टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख से संपर्क:- 9424995001
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उच्च न्यायालय के सख्त रवैया व कड़ी फटकार से डरकर एकाएक सक्रिय हुए प्रदेश सरकार ने सभी जिलों को अवैध उत्खनन पर सख्ती के साथ कार्यवाही करने को कहा इसी कार्यवाही को जिला प्रशासन ने एक टीम गठित की जिसमें राज्य, पुलिस, परिवहन व खनिज विभाग मौजूद थे घंसौर जिले में छापामार कार्यवाई करते हुए अनेकों प्रकरण दर्ज किये पंरतु आज दिनांक तक आर.टी.आई. कार्यकर्ता को खनिज विभाग जानकारी उपलब्ध नहीं करा पाई। पहले तो जानकारी देने में ही आनाकानी की गई। अवैध खनन के कारोबार पर छोटी मोटी कार्यवाई कर इति श्री कर ली है। मजे की बात यह है कि शक्कर, नर्मदा, शेर अन्य नदियों में वर्षों से रेत, बजरी का बड़े स्तर पर अवैध खनन किया जा रहा है। जो राजस्व, पुलिस, परिवहन व खनिज विभाग के ऊॅचे स्तर तक के अधिकारियों की जानकारी के बिना हो पाना संभव नहीं। मगर आज तक उच्च स्तर के कर्मचारियों व अधिकारियों से कियी ने यह तक पूछना गॅवारा नहीं समझा कि अवैध उत्खनन को रोकने की दिशा में उन्होंने अब तक क्या कार्यवाही की? उन्होंने अपने क्षेत्रों में अवैध खनन क्यों होने दिया? जिले में अवैध खनने के धंधे में लगे लोगों ने कार्यवाही के डर से जिला छोड़ अन्य जिले की सीमा में गोरखधंधा शुरू कर दिया है। जिले के कई गॉवों में धड़ल्ले से अवैध खनन (बजरा, मिट्टी, रेत) हो रहा है। नदी में दर्जनों ‘‘बाढ़े’’ बने हुए हैं जिनमें जेसीबी, एलएनटी व अन्य मशीनें बजरी रेत, मिट्टी, मुरम खोदकर ट्रकों में भर रही थीं। तक प्रशासन अनजान था। यहॉ से अवेैध उत्खनन कर निकाली गई बजरी रेत ट्रकों, टेक्ट्ररों में भरकर मुख्य मार्गों से ले जाकर धड़ल्ले से पुलिस प्रशासन की नाक के नीचे से शहरों व शहरों से बाहर के जिलों में बेंची जाती हेेै। रेत, बजरी बेंचने वालों से कभी किसी ने रॉयल्टी, वाणिज्यक कर की रसीद तक की जॉच नहीं की। जिससे यह पता लगा सकें कि बेची जा रही रेत सरकारी लीज धारकों की खानों से लाई गई है या अवैध खनन करने वालों से खरीदी गई है? रेत, बजरी, मुरम का भारी मात्रा में अवैध खनन होने से सरकार को भी रॉयल्टी का बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है। सरकार द्वारा प्रतिवर्ष रेत खनन के लिए छोड़े जाने वाले ठेकों में भी सरकारी कोष में वास्तविकता से बहुत कम राशि जमा होती है क्योंकि अवैध खनन के जरिए एक बड़ी राशि की बंदर बाट हो जाती हैं
नागरिकों ने की मॉग
हाल ही में तेंदूखेड़ा क्षेत्र के नागरिकों-ग्रामीणों ने राजस्व विभाग से मॉग की कि रेत, बजरा मुरम व पीली मिट्टी के अवैध खनन को रोकने के लिए अभियान चलाकर कार्यवाही की जाये जिससे नदी नालों समेत क्षेत्र की पहाडिय़ों का अस्तित्व कायम रह सके लोगों की शिकायत है कि नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र के समीप स्थित नदी नालों में रेत का लगातार अवैध उत्खनन हो रहा है जब भी राजस्व विभाग के अधिकारी अवैध खनन रोकने कोई कार्यवाही करते हैं तो उसके कुछ दिन तक तो रेत का खनन बंद रहता है लेकिन अवैध खनन करने वाले लोग बाद में फिर सक्रिय हो जाते हैं। नागरिकों का कहना है कि यदि विभाग अभियान चलाकर रेत का अवैध खनन रोकने की कार्यवाही करेगा तब ही विभाग की मुहिम सार्थक होगी।
नागरिकों ने की मॉग
हाल ही में तेंदूखेड़ा क्षेत्र के नागरिकों-ग्रामीणों ने राजस्व विभाग से मॉग की कि रेत, बजरा मुरम व पीली मिट्टी के अवैध खनन को रोकने के लिए अभियान चलाकर कार्यवाही की जाये जिससे नदी नालों समेत क्षेत्र की पहाडिय़ों का अस्तित्व कायम रह सके लोगों की शिकायत है कि नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र के समीप स्थित नदी नालों में रेत का लगातार अवैध उत्खनन हो रहा है जब भी राजस्व विभाग के अधिकारी अवैध खनन रोकने कोई कार्यवाही करते हैं तो उसके कुछ दिन तक तो रेत का खनन बंद रहता है लेकिन अवैध खनन करने वाले लोग बाद में फिर सक्रिय हो जाते हैं। नागरिकों का कहना है कि यदि विभाग अभियान चलाकर रेत का अवैध खनन रोकने की कार्यवाही करेगा तब ही विभाग की मुहिम सार्थक होगी।
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