मप्र में पकड़ा गया एक और 10 करोड़ का आसामी सहायक यंत्री |
इंदौर में सब ऑडिटर के घर से 10 करोड़ की संपत्ति मिली
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इंदौर: मध्यप्रदेश में करोड़पति सरकारी बाबुओं के भंडाफोड़ का सिलसिला जारी है। पुलिस के लोकायुक्त दस्ते ने सहकारिता विभाग के एक कर्मचारी के ठिकानों
पर गुरुवार को छापे मारे और उसकी बेहिसाब संपत्ति का खुलासा किया। इस
संपत्ति का मौजूदा बाजार मूल्य करीब नौ करोड़ रुपये आंका जा रहा है।
इंदौर से करीब 140 किलोमीटर दूर रतलाम में सहकारिता विभाग के उप लेखा परीक्षक आनंद पाठक के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार से बेहिसाब दौलत जुटाने की शिकायत मिली थी। इस शिकायत पर इंदौर और रतलाम में उसके ठिकानों पर छापे मारे गये।
उन्होंने बताया कि छापों के दौरान सरकारी कर्मचारी की बेहिसाब संपत्ति का बड़े पैमाने पर पता चला, जिसमें दो मकान, चार दुकान, एक फ्लैट, तीन भूखंड, दो कार और बड़ी संख्या में सोने-चांदी के जेवरात शामिल हैं।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि छापों के दौरान पाठक के ठिकाने से करीब 10 लाख रुपये मूल्य का घरेलू सामान और एक लाख 20 हजार रुपये की नकदी मिली। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सरकारी कर्मचारी ने भारतीय जीवन बीमा निगम की पॉलिसियों में करीब 10 लाख रुपये का निवेश किया है, जबकि उसके बैंक खातों में कम से कम चार लाख रुपये जमा हैं।
अब तक मिले सबूतों के आधार
पर कहा जा सकता है कि पाठक दो से तीन करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति का
मालिक है, जिसका मौजूदा बाजार मूल्य आठ से नौ करोड़ रुपये के बीच है। यह संपत्ति उसकी आय के ज्ञात जरियों के मुकाबले अनुपातहीन है।’ उन्होंने बताया कि पाठक करीब 18 साल पहले सरकारी सेवा में आया था। वह रतलाम से पहले इंदौर में पदस्थ था।
सिंह ने बताया कि सरकारी कर्मचारी के ठिकानों पर फिलहाल छापे जारी हैं। उसकी चल-अचल संपत्ति का विस्तृत मूल्यांकन किया जा रहा है।
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