भोपाल। मध्य प्रदेश में शिवराज के राज में नदियों से जमकर रेत की अवैध खुदाई चल रही है। आलम ये है कि भिंड में कलेक्टर ने अवैध रेत खनन पर 263 करोड़ का जुर्माना किया है। इसके पहले शिवराज के गृह जिले सीहोर में एक कंपनी को 490 करोड़ की रेत अवैध तरीके से निकालने के लिए नोटिस दिया गया था। ये हाल तब है जब कुछ दिन पहले ही ग्रीन ट्रिब्यूनल ने नदी के किनारे बिना लाइसेंस रेत निकालने पर रोक लगा दी थी।
जुर्माने की सजा झेलने वाले रवि मोहन नाम के शख्स का लाइसेंस 7 महीने पहले ही खत्म हो चुका था और बावजूद इसके उसका खनन का कारोबार चालू था। वहीं हैरानी की बात ये है कि खनन विभाग कलेक्टर की कार्रवाई पर पीठ ठोकने के बजाय सवाल उठा रहा है।भिंड के डीएम सीबी चक्रवर्ती के मुताबिक जांच रिपोर्ट में रवि मोहन त्रिवेदी को नोटिस देने के बाद ज्यादा रेत पाई गई। इसलिए 263 करोड़ का नोटिस दिया गया है। जबकि माईनिंग कॉर्पोरेशन अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा का कहना है कि अगर वास्तव में स्टोर करने वाला दोषी है तो उसपर जो जुर्माना है कलेक्टर ले। लेकिन अगर सिर्फ वाहवाही और सुर्खियां बटोरने का धंधा अगर अधिकारी कर रहे हैं तो इसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।
गौरतलब है कि ये कहानी महज भिंड तक सीमित नहीं है। जबलपुर, होशंगाबाद, सीहोर और देवास जिलों में भी रेत माफिया का राज है। सीहोर जिले में रेत निकालने वाली कंपनी शिवा कॉर्पोरेशन पर डेढ़ साल पहले नसरूल्लागंज के एसडीएम और खनिज अधिकारी ने शिवा कॉर्पोरेशन को अवैध रेत खनन के चलते 490 करोड़ रुपए का नोटिस दिया तो उनका तबादला कर दिया गया।
साल भर पहले मुख्य वन संरक्षक आजाद सिंह डबास ने मुरैना में 25,000 करोड़ की पत्थर और रेत की अवैध खुदाई का खुलासा किया, लेकिन शिवराज सरकार ने आईएएस को ही सस्पेंड कर दिया। हालांकि केन्द्र सरकार ने निलंबन को गलत करार दिया।
इसी तरह प्रधान मुख्य वन संरक्षक रमेश के दवे ने सतना में उंचेहरा और नागौद इलाकों में करोड़ों के अवैध खनन की रिपोर्ट बीजेपी सरकार को दी लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी कोई पुख्ता कार्रवाई नहीं की गई। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बुदनी विधानसभा के नसरूल्लागंज में नर्मदा नदी के किनारे लाइसेंस ना होने के बावजूद यहां धड़ल्ले से रेत निकाली जा रही है। ये इलाका विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज के लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा भी है। लिहाजा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ-साथ सुषमा स्वराज भी विपक्ष के निशाने पर हैं।
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के मुताबिक सुषमा स्वराज को पता नहीं ये अवैध खनन का? बेल्लारी में रेड्डी ब्रदर्स और यहां बुदनी में चौहान ब्रदर्स, खूब अवैध खनन कर रहे हैं। जबकि हाल ही में नोएडा में अवैध खनन को लेकर दायर याचिका पर फैसला देते हुए ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आदेश दिया था कि बिना लाइसेंस नदियों के किनारे खनन ना किया जाए और देशभर की सरकारों को ये सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था। मगर मध्य प्रदेश में ये आदेश कब और कैसे लागू होगा प्रशासन फिलहाल इस पर कुछ कहने की हालत में नहीं है।
आईबीएन-7 से साभार
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