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एक नहीं, दो नहीं ब ल्कि 13 मीडिया संस्थानों का पूर्व प्रमुख इन दिनों पुलिस हवालात में जवानों से बीड़ी मांग कर पी रहा है। हम बात कर रहे हैं पश्चिम बंगाल के 30 हजार करोड़ के बहुचर्चित शारदा घोटाले की। इस मामले में शारदा समूह के मालिक सुदीप्त सेन अपने कुछ भरोसेमंद साथियों के साथ जेल में बंद हैं। महत्वपूर्ण है कि सेन इस साल के शुरू तक अपने समूह से प्रकाशित - प्रसारित कुल 13 मीडिया संस्थानों के प्रमुख थे।
उनकी कंपनी सकालवेला(बंगला) बंगाल पोस्ट( अंग्रेजी) तथा प्रभात वार्ता (हिंदी) आदि दैनिक पत्रों का प्रकाशन करती थी। जिसके मुखिया सेन हुआ करते थे। साथ ही कई अन्य भाषाओं के समाचार पत्रों का प्रकाशन भी उनकी कंपनी किया करती थी। यही नहीं कई चैनल भी शारदा समूह ने खरीद रखे थे। लेकिन इस साल के मार्च महीने में आर्थिक अनियमिताओं के आरोप में सेन की उनके कुछ विश्वस्त साथियों के साथ गिरफ्तारी हुई थी। यहां यह बता देना भी जरूरी है कि शारदा घोटाले ने पश्चिम बंगाल सरकार की चूलें हिला कर रख दी थी। क्योंकि इस घोटाले में कई टीएमसी नेताओं, सासंदों व मंत्रियों पर भी अंगुली उठी थी।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ी मुश्किल से इस बवंडर पर काबू पाया। एक पुराने मामले में पश्चिम मेदिनीपुर जिले के घाटाल अनुमंडल अदालत ने कुछ दिन पहले सुदीप्त सेन को पांच दिनों के रिमांड पर पुलिस हिरासत में भेज दिया। इस सिलसिले में सेन को न्यायिक अभिरक्षा में खड़गपुर टाउन थाने के हवालात में लाया गया। पेशी के बाद खड़गपुर पहुंचते ही सेन ने जवानों से पीने के लिए सिगरेट मांगी। इस पर जवानों ने उसे दो बीड़ी लाकर दिया। कभी करोड़ों में खेलने वाला और 13 मीडिया संस्थानों के पूर्व प्रमुख सेन ने एक के बाद एक दोनों बीडि़यां पी, औऱ फिर हवालात के भीतर फटे चादर पर जा कर सो गया। यह दृश्य सचमुच हैरान करने वाला था।
एक नहीं, दो नहीं ब ल्कि 13 मीडिया संस्थानों का पूर्व प्रमुख इन दिनों पुलिस हवालात में जवानों से बीड़ी मांग कर पी रहा है। हम बात कर रहे हैं पश्चिम बंगाल के 30 हजार करोड़ के बहुचर्चित शारदा घोटाले की। इस मामले में शारदा समूह के मालिक सुदीप्त सेन अपने कुछ भरोसेमंद साथियों के साथ जेल में बंद हैं। महत्वपूर्ण है कि सेन इस साल के शुरू तक अपने समूह से प्रकाशित - प्रसारित कुल 13 मीडिया संस्थानों के प्रमुख थे।
उनकी कंपनी सकालवेला(बंगला) बंगाल पोस्ट( अंग्रेजी) तथा प्रभात वार्ता (हिंदी) आदि दैनिक पत्रों का प्रकाशन करती थी। जिसके मुखिया सेन हुआ करते थे। साथ ही कई अन्य भाषाओं के समाचार पत्रों का प्रकाशन भी उनकी कंपनी किया करती थी। यही नहीं कई चैनल भी शारदा समूह ने खरीद रखे थे। लेकिन इस साल के मार्च महीने में आर्थिक अनियमिताओं के आरोप में सेन की उनके कुछ विश्वस्त साथियों के साथ गिरफ्तारी हुई थी। यहां यह बता देना भी जरूरी है कि शारदा घोटाले ने पश्चिम बंगाल सरकार की चूलें हिला कर रख दी थी। क्योंकि इस घोटाले में कई टीएमसी नेताओं, सासंदों व मंत्रियों पर भी अंगुली उठी थी।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ी मुश्किल से इस बवंडर पर काबू पाया। एक पुराने मामले में पश्चिम मेदिनीपुर जिले के घाटाल अनुमंडल अदालत ने कुछ दिन पहले सुदीप्त सेन को पांच दिनों के रिमांड पर पुलिस हिरासत में भेज दिया। इस सिलसिले में सेन को न्यायिक अभिरक्षा में खड़गपुर टाउन थाने के हवालात में लाया गया। पेशी के बाद खड़गपुर पहुंचते ही सेन ने जवानों से पीने के लिए सिगरेट मांगी। इस पर जवानों ने उसे दो बीड़ी लाकर दिया। कभी करोड़ों में खेलने वाला और 13 मीडिया संस्थानों के पूर्व प्रमुख सेन ने एक के बाद एक दोनों बीडि़यां पी, औऱ फिर हवालात के भीतर फटे चादर पर जा कर सो गया। यह दृश्य सचमुच हैरान करने वाला था।
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