रैंगिंग से तंग आकर खुदकुशी करने वाली अनीता के मामले में नये-नये रहस्य उजागर
भले ही दोषी छात्राएं और प्रोफेसर जेल के सीखचों के पीछे हैं, लेकिन अनीता शर्मा के सुसाइट नोट कई प्रकार के सवालों को खड़ा कर रहे हैं। पुलिस इस पत्र के आधार पर छानबीन कर रही है जिसके चलते एक छात्रा को रैगिंग के कारण खुदकुशी करनी पड़ी। पुलिस ने भी आनन-फानन में कार्यवाही की है। इसकी वजह है अनीता के पिता कमलेश शर्मा, जिन्हों गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता को साफ तौर पर कह दिया था कि अगर उनकी बेटी के मौत के जिम्मेदार लोगों को सजा नहीं मिली, तो वह पूरे परिवार के साथ आत्महत्या कर लेंगे। इसके बाद ही गृहमंत्री ने अधिकारियों को बुलाकर तत्काल छात्राओं और प्रोफेसरों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिये हैं।
यही वजह है कि घटना के 12 घंटे के भीतर ही अनीता को परेशान करने वाले एक प्रोफेसर और 4 छात्राओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। अब पुलिस सुसाइट नोट के आधार पर गहरी छानबीन करने जा रही है। इस हादसे ने सरकार की नींद भी उड़ा दी है। मुख्यमंत्री ने आला अधिकारियों को सख्त निर्देश रैगिंग रोकने के दिये हैं, तो मुख्य सचिव ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर ऐसे मामलों में कॉलेज प्रबंधन पर भी कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने तो यहां तक कहा है कि नियम कानून से घटनाएं नहीं रोकी जा सकती है, इसके लिए भय का माहौल बनाया जाये। जिस कॉलेज में यह घटना हुई है उसको लेकर कई बार सवाल खड़े होते रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी हर बार कॉलेज का मामला दबा दिया गया है। फिलहाल तो इस बार मानव अधिकार आयोग, महिला आयोग ने भी अपनी सक्रियता दिखा दी है और दोनों आयोग पूरे घटनाक्रम की तफतीश करने के लिए मैदान में उतर आये हैं। निश्चित रूप से रैगिंग ने एक छात्रा की जीवन लीला समाप्त कर दी है, तो उसकी गहराई से तफतीश तो होना ही चाहिए, तभी इस बीमारी को रोका जा सकता है। अन्यथा थोड़े दिनों बाद फिर से किसी और कॉलेज में कोई अन्य छात्र-छात्रा रैगिंग की शिकार होगी। सरकार को अब इस मामले में नये सिरे से विचार करना चाहिए, अन्यथा रैगिंग एक गंभीर रोग बनकर रह जायेगा।
MPRAAG SE SHBHAR
No comments:
Post a Comment