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रिश्वतखोरी के इस मामले में शामिल और अधिकारियों की धरपकड़ के लिए जांच एजेंसी छापेमारी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, राजेश अग्रवाल और मनीष तुली माइक्रोमैक्स इंफारमेटिक्स, गुड़गांव के मालिक हैं। ये वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र में बैंक्विट हॉल बनाना चाहते थे।
बैंक्विट हॉल को नियमित करने के लिए उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सिविल लाइन जोन के भवन विभाग के इंजीनियरों ने 50 लाख रुपये रिश्वत मांगी थी। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच 30 लाख रुपये में सौदा तय हुआ। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सिविल लाइन जोन के सुपरिटेंडेंट इंजिनियर राजेश वाधवा के कहने पर निगम के अधिकारियों ने दोनों उद्योगपतियों को पैसे देने के लिए पीतमपुरा बुलाया। बताया जा रहा है कि छापेमारी में एक जूनियर इंजीनियर के घर से 40 लाख रुपए बरामद हुए।
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