कटनी से लखन लाल की रिपोर्ट... (टाइम्स ऑफ क्राइम)
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कटनी. कटनी रेल्वे स्टेशन इस समय असमाजिक तत्वों का अड्डा बना हुआ है। स्टेशन प्लेट फ ार्मों में सबसे अधिक आवारा किस्म के लोग नजर आते हैं। स्टेशन परिसर में आये दिन चोरी एवं लूट की घटना अखबार के माध्यम से जनता की नजर में आती रहती है। किन्तु जीआरपी एवं आरपीएफ केवल खाना पूर्ती ही करती रहती है। जीआरपी केवल बाहर से आये हुये लोगों की तलाश में रहती है। आरपीएफ मतलब केवल अपने रेल्वे से रखती है। स्टेशन परिसर में कुल तीन ठेकेदारों का ठेका है। जुटाई गई जानकारी के अनुसार रेल्वे परिसर में आवारा किस्म के वैन्डर आरपीएफ एवं जीआरपी के होते हैं।
जो चोरी एवं लूट जैसी घटनाओं को अंजाम देने से भी नहीं चूकते इसका कारण अधिकारियों से सांठ-गांठ होती है। अगर इन आवारा किस्म के अवैध वैन्डरों को जनता पकड़ कर पुलिस के हवाले करती भी है तो पुलिस अपनी इन पर मेहरबानी दिखाते हुये इनहें अभय दान देती है ताकी ये आवारा लोग और घटना को अंजाम दे सके। जिससे जीआरपी एवं आरपीएफ कमीर्यों की जेबें गर्म होती रहे।
कुल तीन ठेकेदारों का ठेका
कटनी स्टेशन में खाद्यान सामग्री बेचने के लिऐ कुल तीन ठेकेदारों को अधिकृत किया गये हैं। एवं पांच प्लेट फार्मों में तीन ठेकेदारों के स्टाल चलते हैं। उसके बाद भी वैध वैन्डर अपना अलग से खाद्य सामग्री बना कर बेचते है। जिसका पता स्टेशन के सारे अधिकारियों को है।
अधिकृत 30 वैन्डर एवं अनाधिकृत 100 की तदात में
सम्पूर्ण स्टेशन परिसर में कुल तीन ठेकेदार ही हैं जिनहोंने तीस वैन्डर कुल अधिकृत किये है। उसके बाद भी जब प्लेट फार्म में सवारी गाड़ी लगती है तब सैकड़ों की तादाद में वैन्डर नजर आते हैं। एवं अपनी खाद्य सामग्री बेच कर रवाना हो जाते हैं। समझ से परे है की आखिर किसकी सहमति से प्लेट फ ार्म में अवैध आते हैं।
वैध वैन्डर चलाते है अलग से अपना भट्टी घर
वैध वैन्डरों ने अपना खुद का भट्टी घर बना रखा है जहॉं से ये लोग ठेकेदार की खाद्य सामग्री एवं अपनी खाद्य सामग्री दोनों को मिला कर प्लेट फार्म में बेचते हैं एवं अधिक से अधिक मात्रा में लाभ कमाते है। जब कोई अधिकारिक कार्यवाही होती है तब केवल वैध वैन्डर ही नजर आते हैं। और उस दिन अवैध वैन्डर प्लेट फार्म में नजर नहीं आते हैं। तथा जांच अधिकारी के जाने के बाद अवैध वैन्डरों की होड़ सी लग जाती है।
स्टेशन में हर विभाग की मिली भगत
रेल्वे स्टेशन में कुल 30 अधिकृत वैन्डर हैं जो की ठेकेदारों ने रखे हैं जिनके नेम प्लेट व मैडिकल सर्टीफि केट बने हुऐ हैं। अवैध वैन्डरों के पास नेम प्लेट एवं वर्दी के अलावा कुछ भी नहीं है कहीं कहीं तो ऐसा हे की अवैध वैन्डरों के पास कुछ भी नहीं होता फि र भी बेखौफ प्लेट फार्म में खाद्य सामग्री बेचते पाये जाते हैं। क्योंकि अधिकारियों के मिली भगत से ही सब होता है।
जी. आर. पी. प्रभारी ने काटा फोन
जी आर पी प्रभारी से जब ऐसी किसी घटना की जानकरी मालूम करना होता है तो जीआरपी के प्रभारी दो टुक जवाब देते हैं कि अभी मालूम नहीं हैॅ जैसे पता चलेगा बता दिया जायेगा और फ ोन काट दिया जाता है।
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