TOC NEWS
हिमाचल प्रदेश के ‘निर्भया’ गैंगरेप और मर्डर केस में पुलिस की जिस एसआईटी ने आरोपियों को गिरफ्तार किया था, वह आज जेल में हैं, जबकि पांच आरोपी जेल से बाहर हैं. एसआईटी के प्रमुख जहूर जैदी, शिमला के पूर्व एसपी नेगी समेत नौ पुलिस कर्मी अब भी न्यायिक हिरासत में हैं. पुलिस वालों पर मामले के आरोपी सूरज की लॉकअप में हत्या के मामले को दबाने के आरोप हैं.
सीबीआई की टीम ने आईजी जहूर जैदी समेत आठ अफसरों 29 अगस्त को गिरफ्तार किया था. ये तब से लेकर अब तक जेल में चल रहे हैं. जैदी के अलावा डीएसपी मनोज कुमार, पुलिस कर्मी राजेंद्र सिंह, दीपचंद, मोहन लाल, रंजीत और सूरत सिंह को गिरफ्तार किया था.
गैंगरेप केस में नहीं दाखिल हुई चार्जशीट, इसलिए आरोपी छुटे
गैगरेप और मर्डर केस में सीबीआई मामले की चार्जशीट नब्बे दिन में फाइल नहीं कर पाई. इससे कोर्ट ने पांचों आरोपियों को बेल दे दी. नियमानुसार 90 दिन में चार्जशीट दाखिल करनी होती है. अब सभी आरोपी जेल से बाहर हैं, जबकि आईजी जैदी समेत सभी नो पुलिस वाले अब भी न्यायिक हिरासत में हैं. उनके खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट भी दाखिल कर दी है.
लोगों ने फूंक दिया था कोटखाई थाना, आईजी भागे थे जान बचाकर
सरकार ने आईजी जैदी, शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी समेत नौ पुलिस वालों को संस्पेंड कर दिया है. इन्हें गिरफ्तारी के तुंरत बाद सस्पेंड कर दिया गया था. बता दें कि शिमला के पूर्व एसपी को हाल ही में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था, जबकि आठ पुलिस वालों की गिरफ्तार अगस्त में हुई थी.
न्यायिक हिरासत के दौरान आईजी जैदी की तबीयत भी बिगड़ गई थी. इस कारण उन्हें आईजीएमसी शिमला में भर्ती करना पड़ा था. फिलहाल सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में कंडा जेल में बंद हैं. बता दें कि जब सूरज की हत्या के बाद लोगों ने कोटखाई थाने को आग लगा दी थी तो आईजी जैदी को वहां से जान बचाकर भागना पड़ा था.
No comments:
Post a Comment