10वीं पास यह युवक 3 मिनट में किसी भी खाते से गायब कर देता है पैसा, बताया ये तरीका |
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लोगों से बैंक खाते व एटीएम का पासवर्ड पूछकर तीन मिनट में पैसा अपने खाते में ट्रांसफर करने वाले ऑनलाइन ठग को उज्जैन पुलिस पश्चिम बंगाल से पकड़कर लाई है। पुलिस चार दिन तक आम व्यक्ति की तरह पश्चिम बंगाल में घूमती रही, लेकिन मोबाइल लोकेशन ट्रेस होने के बावजूद वह जगह बदलता रहा। आखिरकार पुलिस ने युवक के गांव में रहने वाले परिचित लड़के को खर्चा-पानी दिया, फिर बहाने से उसके माध्यम से फोन कर बुलाया और गिरफ्तार किया।
मुकेश पिता विपिन चौधरी निवासी नलहटी वीरभूमि को चिमनगंज थाने के एसआई कमलेश गौर व सिपाही रूपेश और श्यामबरण बुधवार को पकड़कर उज्जैन लाए। यहां ढाई घंटे तक सीएसपी मलकीतसिंह व टीआई अरविंदसिंह तोमर ने आरोपी से पूछताछ की। उसने बताया वह आठ साल से इसी तरह बैंक मैनेजर बनकर लोगों से ठगी कर रहा था।
10वीं पास यह युवक 3 मिनट में किसी भी खाते से गायब कर देता है पैसा, बताया ये तरीका |
मात्र दसवीं तक पढ़े ठग मुकेश ने कबूला कि वह गिरोह का मामूली सदस्य है, जिनके लिए काम करता है वे कोलकाता समेत अन्य जगह पर ठगी के पैसो से आलीशान मकान और खेती के लिए जमीन खरीदे हुए हैं। उन्हीं ने सब सिखाया व खाते में पैसा आने पर आपस में बंटता था। पहली बार ऐसा हुआ जब पकड़ा गया। वरना फर्जी नाम-पते वाली सिम का उपयोग एक बार कर तोड़कर फेंक देते थे। गिरोह का पासवर्ड कटिंग है जो इस शब्द का नाम लेते समझ जाते कि उससे बात करना है।
आरोपी से 15 एटीएम कार्ड बरामद हुए है। उसके खाते में अलग-अलग अकाउंट से 6 लाख रुपए डले हैं, जिसकी जानकारी भी पुलिस जुटा रही है। सीएसपी मलकीतिसंह ने बताया आरोपी को पश्चिम बंगाल से ट्रांजिट रिमांड पर लेकर आए व यहां कोर्ट में पेश करने पर दस दिन का रिमांड मिला। पूछताछ कर गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए टीम पश्चिम बंगाल जाएगी।
अधिकांश लोगों के खाते स्टेट बैंक व बैंक ऑफ इंडिया के होते हैं। बस तुक्का लगाते हैं, अलग-अलग नंबर डायल करने पर जो उठा लेता उससे यही कहता है कि बीओआई हेड आॅफिस से मैनेजर बात कर रहा हूं। आपका खाता ब्लाॅक हो गया है। पासवर्ड बदलना पड़ेगा। यह सुनते ही जो बातों में आ जाते उनसे खाते की जानकारी लेता व पासवर्ड पूछ पेटीएम ई वालेट के जरिए मोबाइल से ही पैसा अपने खाते में ट्रांसफर कर लेता था।
आपकी लाटरी खुली है। दस लाख मिलेंगे। बस आपको प्रोसेसिंग फीस 500 रुपए देना होगी। पांच सौ रुपए में कोई भी ज्यादा नहीं सोचता। वह अपने अकाउंट से खाते में पांच सौ रुपए डालता उसके बाद उसे उलझा लेता। दोबारा फोन लगाकर कहता बीमे की फीस दस हजार है वह भी डालनी पड़ेगी। व्यक्ति दस हजार डाल देता तो उससे डिमांड और बढ़ती जाती। इसी तरह लोगों को कार खुलने का बोलकर भी फोन लगाता था।
इंदिरानगर के सुरेन्द्रसिंह डोडिया को आरोपी ने 21 जुलाई 2017 को फोन लगा एटीएम का ओटीपी पूछा था व खाते से 11500 रु. की ठगी की थी। फरियादी ने चिमनगंज थाने के अलावा सीएम हेल्प लाइन में भी शिकायत कर रखी थी। पुलिस ने 11 हजार की ठगी के आरोपी को पकड़ने के लिए 16 हजार रुपए खर्च कर दिए। चार दिन तक वर्धमान, नलहाटी समेत अन्य जगह घूमी। सिम में जो पता था वह फर्जी निकला। फिर जिस खाते में पैसा ट्रांसफर हुआ था उसका पता कर संबंधित बैंक से जानकारी लेकर आरोपी तक पहुंची
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