बलात्कार पीडित बच्चियों के भविष्य की सुरक्षा के लिए कदम उठाए सरकार- सूरज जायसवाल |
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- नैतिक जिम्मेदारी से मुंह चुरा रहा है शासन- प्रशासन- जेडीयू
- बलात्कार पीडित बच्चियों के भविष्य की सुरक्षा के लिए कदम उठाए सरकार- सूरज जायसवाल
भोपाल- मध्यप्रदेश आज पूरे देश में नाबालिग एवं छोटी बच्चियों से बलात्कार का गढ बन चुका है। सरकार ने नाबालिगों से बलात्कार करने वाले अपराधियों को मृत्युदंड का प्रावधान रख कर कदम उठाया है लेकिन उस कानून के भ य का परिणाम देखन नही मिल पा रहा है यह कहना है जनता दल युनाइटेड अध्यक्ष सूरज जायसवाल का। प्रोफेसर कालोनी स्थित प्रदेश कार्यालय में आयोजित पत्रकारवार्ता में पत्रकारों से चर्चा करते हुए सूरज जायसवाल ने कहा कि बलात्कार पीडित बच्चियों के भविष्य को सुनिश्चित करना प्रदेश सरकार का नैतिक उत्तरदायित्व है ऐसे तमाम प्रकरणों में सरकार पीडित बच्ची को ना सिर्फ उच्च शिक्षा दिलाएं बल्कि उनके बालिग होने पर उन्हें सरकारी नौकरी में रखने का प्रावधान भी किया जाए। सरकार सिर्फ मेडिकल ट्रीटमेंट का खर्च उठाने की बात करके अपने उत्तरदायित्वों से मुक्त नही हो सकती। जायसवाल ने यह भी कहा कि प्रदेश में महिला एवं बच्चियों के साथ होने वाले अपराध में तेजी से बढोत्तरी हुई है बल्कि हत्या, लूट और नाबालिगों के अपहरण पूरे प्रदेश में तेजी से बढ रहे है। इसलिए बलात्कार पीडित बच्चियों के अपराधियों को कडी से कडी सजा मिलना चाहिए साथ ही बच्चियों का भविष्य भी सुरक्षित करना चाहिए। प्रदेश में वर्ष 2017 में ही 4816 महिला बलात्कार के केस दर्ज हुए पिछले वर्ष रोजान 37 बच्चे भयंकर अपराध के शिकार बने मध्यप्रदेश में 4717 पोक्सोएक्ट के केस बने 132 बच्चों की हत्याएं हुई 40 बच्चों की हत्या की कोशिश की गई और गुमशुदा बच्चों की संख्या असंख्य है। आज दिनांक में अपराधो में बहुत तेजी के साथ बढोत्तरी हुई है जो मध्यप्रदेश जैसे शांति के टापू समझे जाने वाले प्रदेश के लिए बहुत ही घातक सूचक है और प्रदेश को शर्मसार कर देने वाला है
जनता दल यूनाइटेड ने सरकार से की मांग
1. प्रदेश के मुख्यमंत्री जो हर बच्चियों के मामा है बलात्कार जैसे अपराध से पीडित बच्चियों के पूर्ण लालन- पालन की जिम्मेदारी ले एवं व्यस्क होने पर उन्हे सरकारी नौकरी पर रखा जाए।
2. प्रदेश में अपराधों की कमी करने के लिए थाना स्तर पर जबावदेही तय की जाए और थानों की साप्ताहिक मॉनिटरिंग करवाई जाए थानों की संख्या भी बढाई जाए एवं पुलिस बल भी पर्याप्त संख्या में भर्ती किया जाए।
3. लापता बच्चियों के पतासाज के लिए युद्ध स्तर पर कार्यवाही की जाए और कार्यवाही न होने पर जवाबदेही तय करते हुए संबंधित अधिकारियों को सस्पेंड किया जाए।
4. बलात्कारियों की जो भी जमीन जायजाद उसके नाम पर है उसे राजसात करते हुए पीडिता को दी जाए।
5. आदिवासी बहुल क्षेत्र जैसे कि डिंडोरी, मंडला, बालाघाट, झाबुआ, छिंदवाडा, बैतुल, सहित अन्य जिलों में जहां बच्चियों की गुमशुदगी के मामले ज्यादा दर्ज है उन जिलों को प्राथमिकता से लेते हुए बच्चे- बच्चियों का पता लगाया जाए।
पत्रकार वार्ता में हुए शामिल-
सुश्री उमा भार्गव प्रदेशाध्यक्ष महिला विंग, विनोद मालवीय प्रदेश महासचिव, प्रशांत स्टील आईटी सेल प्रभारी, सुमित आर्य प्रदेश उपाध्यक्ष, कुलेन्द्र जैन प्रदेश महासचिव. राम सहाय यादव प्रदेश महासचिव. सुरेन्द्र शर्मा प्रदेश उपाध्यक्ष, चंद्रशेखऱ धुर्वे प्रदेश महासचिव, श्रीमती विमला सोंधिया प्रदेश उपाध्यक्ष, कल्लुदास बैरागी प्रदेश महासचिव, पूरन सिंह ठाकुर प्रदेश सचिव, प्राहलाद वस्त्राणे प्रदेश सचिव, टिंकेश राज अध्यक्ष छात्र जनता दल यू, शेख अजीम जिलाध्यक्ष अल्पसंख्यक मोर्चा,
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