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ब्यूरो चीफ गाडरवारा // अरूण श्रीवास्तव : 8120754889
रेल्वे प्रशासन नही दे रहा ध्यान
सिहोरा / बोहानी। नागरिक आवागमन हेतु ट्रेन को सस्ता, सरल और सुलभ साधन मानते हैं। तेन्दूखेड़ा विधानसभा का एक मात्र रेलवे स्टेशन अव्यवस्थाओं के कारण यात्रियों के लिए परेशानियों का सबब बना हुआ है। क्षेत्र के सिहोरा, पुरगवां, पनारी, हर्रई, बरांझ, निजोर, खंचारी, दुधवारा, बुधवारा, अजंसरा, खुलरी, इमझिरी, विलौनी, भौंरझिर, पटना, घघरौला, सलैया, करहैया, तिगुवां, देगुवां, ढाडिया सहित आसपास के 30-35 ग्रामों के नागरिकों हेतु नजदीकी, आवागमन के लिए उपयोग किये जाने वाले बोहानी स्टेशन पर पर्याप्त इंतजाम ना होना रेलवे की व्यवस्थाओं पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है।
सुरक्षा, छाया, पानी के नाकाफी इंतजाम
स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के नाम पर ना तो दोनों तरफ सुरक्षा के कोई ठोस इंतजाम हैं और नहीं छाया, पानी की पर्याप्त व्यवस्था है। स्टेशन से अखबारों के बंडल चोरी गए हैं। साथ ही यहां पर लगे हैण्डपम्प पानी की जगह हवा उगल रहे हैं। एक तरफ प्लेटफार्म बना ही नही वही दूसरी तरफ छाया की कोई पुख्ता व्यवस्था ही नहीं है। ट्रेन के इंतजार में यात्री गर्मी के समय धूप में खड़े तो बरसात के समय पानी मे भीगते रहते हैं।
एक्सप्रेस ट्रेन से वंचित हैं क्षेत्रवासी’
कहने को यहां रेलवे स्टेशन की सुविधा तो है परंतु यात्रियों को आने जाने के लिए केवल पैसेंजर ट्रेनों पर ही निर्भर रहना पड़ता है। ट्रेनों की लेटलतीफी भी लोगों को काफी परेशानी पैदा करती है। समय पर गंतव्य तक ना पहुंचने से दिक्कत होती है। विद्यार्थी, व्यापारी, कर्मचारी, मजदूर, आमजनता सब के सब, पैसेंजर ट्रेनों के समय पर ना चलने एवं किसी एक्सप्रेस ट्रेन के स्टेशन पर स्टापेज की सुविधा ना होने पर हैरान-परेशान होते देखे जाते हैं।
बर्षों से बिना प्लेटफार्म के जूझते यात्री
ट्रेन से जबलपुर की और यात्रा करने वाले एवं इटारसी तरफ से बोहानी स्टेशन पर उतरने वालों को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता है। खासकर बुजुर्गों, बच्चों, एवं विकलांगो को बिना प्लेटफार्म के ट्रेनों में चढ़ने उतरने में समस्या होती है। प्लेटफार्म की कमी के चलते कई बार यात्रियों की ट्रेन छूटने एवं पैर फिसलने की घटनाएं भी होती देखी गई।
स्टेशन तक पहुँचने वाली सड़क भी अधूरी’
यात्रियों की सुविधा के लिए स्टेशन तक आसानी से पहुंचने के उद्देश्य से बनाई गई सड़क भी बीच मे पुलिया ना डाले जाने के कारण अधूरी पड़ी है। यात्रियों को सुविधा मिलना तो दूर थोड़ी से असावधानी होने पर दुविधा जरूर पैदा हो सकती है। बार-बार स्मरण कराने के बाद भी ना तो रेलवे ने और ना ही ठेकेदार ने इस समस्या की ओर ध्यान दिया।
साफ-सफाई का आभाव
स्वच्छ भारत अभियान के चलते जहाँ एक और सभी जगह साफ-सफाई की अच्छी व्यवस्थाएं देखी जा सकती हैं वही दूसरी ओर सिहोरा बोहानी स्टेशन पर साफ-सफाई का आभाव साफ तौर पर देखा जा सकता है। मूत्रालय एवं शौचालयों की सुविधा से भी यात्रियों को वंचित रहना पड़ता है।
क्षेत्रीय जनप्रतिनिधयों से लोगों के सवाल
विगत साढ़े 9 वर्षो से क्षेत्र की जनता के वोट से चुनकर दिल्ली में बैठी सरकार के सदस्य के रूप में काम करने वाले क्षेत्र के प्रतिनिधियों को आखिर जनता की तकलीफे क्यों नहीं दिखती। उन्होंने सिहोरा बोहानी स्टेशन पर सुविधाओं के विस्तार की दिशा में अभी तक ठोस पहल क्यों नहीं की, कब तक क्षेत्र की जनता को स्टेशन पर पर्याप्त व्यवस्थाएं मुहैया हो पाएंगी। बहरहाल, चाहे सरकार के कामकाज एवं योजनाओं की सर्वत्र प्रशंसा हो रही हो साथ ही कई जगह बढियां ढंग से काम हो रहे हों जनता को अच्छी सुविधाएं मिल रही हो परंतु सिहोरा बोहानी स्टेशन पर व्याप्त अव्यवस्थाएँ साफ दर्शातीं हैं कि सरकार के निर्देशानुसार निचले स्तर पर योजनाओं एवं व्यवस्थाओं का सुचारू रूप से क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। इस बात पर हमारे क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को ध्यान देना चाहिए, और व्यवस्थाओं को जनता की माँग अनुसार ठीक कराना चाहिए, जिससे यात्रियों को अच्छी सुविधाएं मिल सकें।
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